उन्नाव। उन्नाव की रहने वाली एक युवती दो महीने पहले गायब हुई थी,शुरू में पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती, लेकिन जब युवती की मां ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव की कार के आगे राजधानी में आकर आत्महत्या करने की कोशिश की तो पुलिस सक्रिय हुई। शुरू में भाजपा के शासन पर अंगुली उठ रही तो अब सपा की बोलती बंद हो गई, क्योंकि इस मामले में अब सपा सरकार में मंत्री रहे स्व. फतेहबहादुर के पुत्र और उसके कर्मचारी गिरफ्तार हो गए।
आपकों बता दें कि जिस उन्नाव में बहुचर्चित दुष्कर्म कांड में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बुरी तरह घिरी थी अब उसी उन्नाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के एक नेता और पूर्व मंत्री के बेटे की करतूत ने चुनाव के बीच अखिलेश की पार्टी को असहज कर दिया है। आरोप है कि सपा सरकार में राज्यमंत्री रहे स्व. फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह ने न सिर्फ एक दलित बेटी का अपहरण किया, बल्कि हत्या कर लाश को शौचालय के टैंक में दफना दिया। 2 महीने बाद गुरुवार को लड़की की लाश मिलने पर सियासत तेज हो गई है।
अखिलेश की गाड़ी के आगे कूदी थी पीड़िता की मां
मालूम हो कि उन्नाव में सपा सरकार में पूर्व राज्यमंत्री रहे स्व.फतेहबहादुर सिंह के बेटे रजोल सिंह पर दो महीने पहले कांशीराम कॉलोनी की महिला रीता ने बेटी पूजा को गायब करने का आरोप लगाया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की पर कोई कार्रवाई नहीं की। इस पर रीता ने 24 जनवरी को लखनऊ में अखिलेश यादव के काफिले के आगे कूदकर जान देने की कोशिश की। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने आनन-फानन रजोल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। 04 फरवरी को पुलिस ने रजोल को पीसीआर रिमांड पर लेकर आठ घंटे पूछताछ की तो उसके साथी हरदोई थाना मुबारकपुर के नवा गांव निवासी साथी सूरज के बारे में पता चला। इसके बाद पुलिस ने आरोपित के आश्रम के पीछे प्लॉट स्थित सेप्टिक टैंक के गड्ढे की खुदाई कराई तो होश उड़ गए। गड्ढे से युवती का शव बरामद हुआ।
दो महीने तक टहलाती रही पुलिस
सदर के कांशीराम कॉलोनी में रहने वाली दलित महिला रीता की बेटी पूजा पिछले दिसंबर माह से गायब थी। मां ने 8 दिसंबर को गुमशुदगी दर्ज करवाई गई थी। 11 जनवरी 2022 को एससीएसटी एक्ट के तहत मामला तरमीम हुआ। मां न्याय की गुहार लगाती रही। मगर किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। 24 जनवरी को लखनऊ में अखिलेश यादव के गाड़ी के आगे मां कूद गई थी। मामला गरमाया तो पुलिस ने 25 जनवरी को आरोपित रजोल सिंह को जेल भेज दिया। बेटी पूजा की मौत की खबर मिलने पर घटनास्थल पहुंची पीड़ित मां ने सीओ व इंस्पेक्टर और दरोगा पर लापरवाही का आरोप लगाया। मामले को संज्ञान में लेते हुए देर रात एसपी दिनेश त्रिपाठी ने जांच के बाद सदर कोतवाली इंस्पेक्टर अखिलेश चंद्र पांडेय को निलंबित कर दिया।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने घेरा
इस मामले में पूर्व मंत्री के बेटे के फंसने के बाद राजनीतिक दलों ने इसे लपक लिया। यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी अखिलेश यादव को घेरा है। उन्होंने ट्वीट किया, ”अखिलेश यादव जी सपा नेता के खेत में दलित बेटी का शव बरामद, जब बेटी की मां आपकी गाड़ी के सामने गिड़गिड़ा रही थी तो उनकी बात नहीं सुनना और सपा नेता का संरक्षण करोगे, नई सपा में सपाइयों का हर घिनौना अपराध माफ करोगे, जांचकर दोषी को दंड पीड़ित को न्याय दिलाने कसर नहीं छोड़ेंगे।
अब तूल देने में जुटी बीजेपी
बीजेपी भी इस हत्याकांड को चुनावी मुद्दा बना सकती है, भले ही कानून-व्यवस्था को लेकर बीजेपी सरकार पर भी सवाल उठेंगे, लेकिन सपा नेता की संलिप्तता होने की वजह से बीजेपी अपने उस अभियान को और तेज कर सकती है, जिसके तहत वह कह रही है कि सपा की सरकार आई तो गुंडागर्दी बढ़ जाएगी।
मायावती ने भी साधा निशाना
बसपा प्रमुख मायावती ने इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए सरकार के सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने ट्वीट किया, ”उन्नाव जिले में सपा नेता के खेत में दलित युवती का दफनाया हुआ शव बरामद होना अति-दुःखद व गंभीर मामला। परिवार वाले पहले से ही उसके अपहरण व हत्या को लेकर सपा नेता पर शक कर रहे थे। राज्य सरकार पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए दोषियों के खिलाफ तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करे।
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