31 जनवरी,2022,लखनऊ। आन्दोलनरत किसानों की मांगें मानने का वादा करके मुकर जाने के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा देश भर में विश्वास घातदिवस का आयोजन किया गया था। इसके तहत आज लखनऊ में भी तमाम किसान, मज़दूर, नौजवान एवं नागरिक संगठनों ने डीएम के माध्यम से, अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा और एक सभा की।
कचहरी में चल रहे विधानसभा चुनाव के नामांकन का हवाला देकर अधिकारियों ने डीएम से नहीं मिलने दिया और किसान प्रतिनिधियों से ज्ञपन लिया।
ज्ञापन देने के पश्चात साथियों ने बेग़म हज़रत महल पार्क के पास एक सभा की और क्रान्तिकारी गीत गाए।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने किसानों की मांगे माने जाने का झूठा आश्वासन दिया, जिस पर विश्वास करके, किसानों ने तेरह माह से चल रहे अपने आन्दोलन को स्थगित कर दिया। डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी जब सरकार ने फसलों की एमएसपी पर ख़रीद की गारंटी कानून व अन्य समस्याओं के हल के लिए कमेटी तक नहीं बनाई, लखीमपुर हत्याकांड के साजिशकर्ता केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्ख़ास्त नहीं किया और आंदोलनरत् किसानों पर दर्ज मुक़दमें वापस नहीं लिए तो संयुक्त किसान मोर्चे की केन्द्रीय कमेटी ने बैठक कर सरकार को 30 जनवरी तक का अल्टीमेटम दिया। संयुक्त किसान मोर्चे ने इसके बाद भी मांगे न माने जाने पर 31 जनवरी को देश भर में विश्वासघात दिवस मनाने का निर्णय लिया। आज किसान आन्दोलन देश की अलोकतांत्रिक, फासीवादी, पूंजीवादी मेहनतकश किसान, मज़दूर नौजवान, दलिल, महिला विरोधी भाजपा सरकार के सम्पूर्ण सफाए के लिए मिशन यूपी,उत्तराखंड के लिए विवश है। हम भाजपा के पूरे सफाए तक अपने संघर्ष का ऐलान करते हैं। वक्ताओं ने विगत 25 जनवरी को रोजगार के लिए आन्दोलन कर रहे छात्रों पर पुलिसिया दमन और युवा मंच के संयोजक राजेश सचान की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए छात्रों और मज़दूरों के संघर्षों के प्रति अपनी एकजुटता व प्रतिबद्धता को दुहराया।
कार्यक्रम में भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति यूनियन से कमलेश यादव, क्रान्तिकारी किसान यूनियन से सन्तोष ‘परिवर्तक’, अखिल भारतीय क्रान्तिकारी किसान सभा व भाजपा हराओ- लोकतंत्र बचाओ आंदोलन से तुहिन, जनवादी किसान सभा से अजय ‘असुर’, उत्तर प्रदेश किसान सभा सम्बद्ध ए.आई.के.एस. से कामरेड प्रवीण सिंह, आल इंडिया वर्कर्स कौंसिल से कामरेड राम कृष्ण, युवा भारत से अंश गुप्ता, अखिल भारतीय क्रान्तिकारी छात्र संगठन से किसान से कामरेड अक्षय, दर्शन,अरविंद, दिल्ली की शाहीनबाग़ आन्दोलन की नेता मेहरुन्निसा सहित इन संगठनों के तमाम कार्यकर्ता मौज़ूद रहे।