बीकापुर -अयोध्या। बीकापुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली एक 15 वर्षीय दलित लड़की का अपहरण होने के 24 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली है।इस दौरान पुलिस ने गुपचुप तरीके से अज्ञात के खिलाफ अपहरण का एफआईआर लिखकर मामले को दबाने का प्रयास कर रही है, जबकि गायब लड़की के परिजनों ने स्थानीय पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए नामजद दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। अपहृता की बहन और मां लगातार कोतवाली व क्षेत्राधिकारी के कार्यालय का चक्कर काट रही हैं और न्याय की गुहार लगा रही हैं मगर गांव-गांव में फ्लैग मार्च निकालकर सब कुछ दुरुस्त है की तसल्ली देने वाले दावे की पोल खोलती अपहरण की यह घटना बीकापुर पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रही है।
पुलिस ने अज्ञात पर दर्ज किया मामला
हद तो तब हो गई जब अपनी व्यथा मीडिया को बताने वाली अपहरता के परिजनों को पुलिस के आला अफसरों ने ऐसा न करने की हिदायत दी। अपहरता की बहन ने मीडिया कर्मियों को बताया कि शाम को शौच के लिए निकली उसकी 15 वर्षीय बहन काफी समय बीत जाने के बाद भी जब वापस नहीं आई तो उन्होंने इसकी सूचना डायल 112 पुलिस को दी रात भर इंतजार तथा खोजबीन में निकल जाने के बाद जब सुबह लापता हुई छोटी बहन के वस्त्र खेत में मिले तो अनहोनी की आशंका प्रबल हो गई। सुबह जब अपहृता की बहन पुलिस में नामजद लोगों के विरुद्ध शिकायत लेकर गई तो पुलिस द्वारा बताया गया कि उनका मुकदमा अज्ञात लोगों के विरुद्ध रात में ही दर्ज कर लिया गया है।
लड़की के वस्त्र खेत में मिले
पीड़ित को पुलिस पर उंगली उठाने का यही से मौका मिला पीड़िता की बहन ने आरोप लगाया कि अपहरन करने वाला उन्हीं के गांव का है जिसकी लिखित शिकायत लेकर वह कोतवाली गई थी मगर पुलिस ने मामले को तूल न देने की हिदायत के साथ यह जानकारी दी कि 15 वर्षीय मासूम के अपहरण की रपट लिख गई है। दरअसल में जिस तरह से अपहरण हुई लड़की के वस्त्र कीचड़ में सने पाए गए वह उससे साथ किसी अनहोनी के संकेत दे रहे हैं । फिलहाल 24 घंटा बीत जाने के बाद भी बीकापुर की पुलिस खाली हाथ है ना तो पुलिस के हाथ अपराहणकर्ता तक पहुंच पाए हैं और ना ही 15 वर्षीय दलित लड़की की ही कोई खोज खबर मिल पाई है।
इसे भी पढ़ें..