सर्वे में खुलासा:’पाकिस्तान असली दुश्मन नहीं’ बयान भारी पड़ेगा अखिलेश को

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Big blow to SP: Leader of opposition party's post lost in Legislative Council, know the reason
एमएलसी लाल बिहारी अब नेता विरोधी दल के बजाय सिर्फ दल के नेता रहेंगे।

लखनऊ। यूपी चुनाव में सभी राजनीतिक दल लगातार जुबानी युद्ध में जुटे है। ऐसे में कई बार नेताओं की जुबान फिसल रही है,जिसे विरोधी मुद्दा बनाने से नहीं चूक रहे है। कुछ ऐसा ही बयान सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पिछले दिनों दिया था, जिसे बीजेपी ने लपककर लगातार घेर रही है।

वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अखिलेश की ओर से पहले जिन्ना और फिर पाकिस्तान को लेकर कही गई बात से बीजेपी को फायदा हो सकता है। सीवोटर ने इस मुद्दे पर सर्वे भी किया है, जिसके नतीजे भी इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।सीवोटर की ओर से किए गए त्वरित सर्वे में लोगों से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान का मुद्दा उछालकर अखिलेश ने सेल्फ गोल किया है? जवाब में 46 फीसदी लोगों ने कहा कि ‘हां’ अखिलेश को इसका नुकसान हो सकता है। वहीं 32 फीसदी लोगों ने कहा कि अखिलेश को इससे नुकसान नहीं होगा। वहीं, 22 फीसदी लोगों ने ‘पता नहीं’ विकल्प चुना।

मुसलमानों का बड़ा नेता कौन

सी वोटर के ओपिनियन पोल में दूसरा सवाल पूछा गया कि अब तक के टिकट बंटवारे के हिसाब से मुसलमानों का बड़ा नेता कौन है? इसके जवाब में 65 फीसदी लोगों ने अखिलेश यादव का नाम लिया तो 12 फीसदी ने कहा कि वह मायावती को आगे मानते हैं। 6 फीसदी ने प्रियंका गांधी का नाम लिया तो 16 फीसदी ओवैसी को मुसलमानों का बड़ा नेता मानते हैं। ओपिनियन पोल के आंकड़े बेहद दिलचस्प है। अखिलेश के बाद सबसे अधिक लोगों ने ओवैसी को मुसलमानों का सबसे बड़ा नेता बताया है।

बीजेपी को पहुंच रहा फायदा

बीजेपी ने अभी तक एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को यूपी में नहीं उतारा है। हालांकि, एनडीए में शामिल अपना दल ने स्वार सीट से मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट दिया है। सर्वे में लोगों से पूछा गया कि मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं देने से बीजेपी को फायदा होगा या नुकसान? इसके जवाब में 53 फीसदी लोगों ने माना कि बीजेपी को फायदा होगा। वहीं 31 फीसदी ने कहा कि बीजेपी को नुकसान हो सकता है। वहीं 14 फीसदी लोगों ने पता नहीं में जवाब दिया।

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