अखिलेश का नया दांव: सरकार बनी तो बहाल होगी पुरानी पेंशन व्यवस्था, आउटसोर्सिंग व्यवस्था भी होगी समाप्त

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After the defeat in the Vis election, the SP chief said - we have shown that the seats of BJP can be reduced
हालांकि उनकी पार्टी की सीट जरूर बढ़ी है, सीट के साथ ही मत प्रतिशत भी सपा का बढ़ा है।

लखनऊ। यूपी चुनावी समर को लेकर लड़ाई अब और भी दिलचस्प हो चली है। ज्यों—ज्यों मतदान के दिन करीब आ रहे हैं, त्यों—त्यों सियासी दल इस चुनावी रण में अपने नए—नए दांव चलकर सुर्खियां बटोर रहे है। जनमानस को लुभाने में सियासी दल कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

अब तक तो यह बात साफ भी हो चली हैं कि यूपी मिशन—2022 में मुख्य टक्कर भाजपा व सपा के बीच है। ऐसे में यह दोनों दल एक—दूसरे को पीछे छोड़ने के लिए नित्य नए—नए ऐलान कर जनमानस के पटल पर अपनी छाप छोड़ने को आतुर है। इसी बीच सपा सुप्रीमो अखिलेश ने नया दांव चलते हुए बड़ा ऐलान किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अखिलेश यादव ने सूबे के 12 लाख कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करने का ऐलान किया है।

अपर्णा को लेकर भाजपा पर साधा निशाना

इस बाबत लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए अखिलेश ने कहा कि सरकार बनने पर कर्मचारियों के लिए 2005 से पहले वाली पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए कॉर्पस फंड बनाएंगे। कर्मचारियों के लिए कैशलेस इलाज की व्यवस्था भी शुरू करेंगे। तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को उनके गृह जनपदों में पदस्थ किया जाएगा।

वहीं एक बार फिर अखिलेश ने अपर्णा यादव के बीजेपी जॉइन करने पर कहा कि हम किसी के घर में लड़ाई नहीं कराते। बीजेपी हमारे परिवार में लड़ाई कराती है। सपा में अपराधियों के सवाल पर अखिलेश ने ये भी कहा कि डिप्टी सीएम और सीएम पर जितने मुकदमे दर्ज हैं, उतने तो आईपीसी में सेक्शन नहीं हैं।

वो क्या हमसे दौड़ में जीतेंगे?’ इससे पहले अखिलेश ने कहा कि 2005 से पहले की पेंशन व्यवस्था को लागू करने के लिए वित्त विभाग के जानकारों से बातचीत हो गई है। यूपी में मौजूदा समय में करीब 12 लाख कर्मचारियों को इस योजना का लाभ मिलेगा।

आउटसोर्सिंग व्यवस्था होगी समाप्त

वहीं सपा सुप्रीमो अखिलेश ने कहा कि वह आउटसोर्स व्यवस्था को खत्म करेंगे। बताया कि ये कोई अच्छी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि जो शोषितों को उनके अधिकार नहीं देना चाहते, वे ऐसी व्यवस्था बनाते हैं। उनके मुताबिक वह जल्दी ही मैनिफेस्टो में भी इसका ऐलान करेंगे। पहले बीजेपी अपना घोषणा पत्र जारी कर दे,

इसके बाद वह भी जल्द ही मैनिफेस्टो जारी कर देंगे। उन्होंने ​कहा कि समाजवादी लोग निजीकरण के खिलाफ हैं। अखिलेश ने कहा कि हमारी कथनी और करनी में अंतर नहीं होगा। हम कर्मचारियों से किए गए वादे पूरे करेंगे।

भाजपा पर यूं कसा तंज

पत्रकारों से बातचीत में अखिलेश ने कहा कि हमने लखनऊ मेट्रो का जिक्र नहीं किया था मैनिफेस्टो में, लेकिन वो भी हमने किया। अखिलेश के मुताबिक ये सरकार विकास विरोधी है। बनारस में वरुणा नदी पर रिवर फ्रंट बनना था। कोशिश थी कि शहर के अंदर वरुणा साफ रहे। ऐसे ही गोमती के लिए हमने रिवर फ्रंट बनाया।

उन्होंने कहा कि हमारे बाबा को इससे भी नफरत है कि कोई आइसक्रीम क्यों खा रहा है? भाजपा वालों को खुशी से नफरत है’। बताते चलें कि एक दिन पहले अखिलेश ने जरूरतमंद परिवारों के लिए 18 हजार रुपए सालाना की समाजवादी पेंशन देने की घोषणा की थी। उससे पहले 300 युनिट मुफ्त बिजली देने की भी घोषणा कर चुके हैं।

तीसरे चरण के 9 प्रत्याशियों का ऐलान

इधर तीसरे चरण के चुनाव की फेहरिस्त को लेकर अखिलेश यादव ने तीसरे चरण के उम्मीदवारों में नौ नामों का ऐलान किया है। बताया गया कि शाहजहांपुर की तिलहर विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के करीबी रोशन लाल वर्मा को दिया है। बता दें कि रोशन लाल वर्मा भाजपा से मौजूदा विधायक रहे है। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ वह भी भाजपा छोड़कर आए हैं।

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