मिशन-2022: नहीं होंगी चुनावी रैलियां व रोड शो! चुनाव आयोग ने एक सप्ताह और बढ़ाया प्रतिबंध

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चुनाव आयोग ने यूपी समेत 5 राज्यों में चुनावी रैलियों और रोड शो पर 22 जनवरी तक प्रतिबंध बढ़ा दिया है। बताया गया कि पार्टी मीटिंग में हाल की क्षमता से आधे लोगों को ही प्रवेश मिलेगा।

नई दिल्ली। मिशन-2022 को लेकर चल रही सरगर्मियों के बीच कोरोना की बढ़ती रफ्तार चिन्ता का सबब बनी हुई है। ऐसे में चुनावी रैलियों और रोड शो को लेकर चल रही पाबंदियों को एक सप्ताह के लिए और बढ़ा दिया गया है। वहीं कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए जारी निर्देशों के तहत प्रचार की अनुमति दी गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने यूपी समेत 5 राज्यों में चुनावी रैलियों और रोड शो पर 22 जनवरी तक प्रतिबंध बढ़ा दिया है। बताया गया कि पार्टी मीटिंग में हाल की क्षमता से आधे लोगों को ही प्रवेश मिलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक किसी भी तरह की मीटिंग में अधिकतम 300 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे।

एक सप्ताह बढ़ा प्रतिबंध

सूत्रों के मुताबिक यूपी में लगातार बढ़ते संक्रमण के चलते रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है। अधिकतम 300 लोगों को बुलाने की अनुमति दी गई है। गौरतलब है कि आयोग ने 8 जनवरी को चुनाव तारीखों का ऐलान करते वक्त 15 जनवरी तक रैलियों पर रोक लगाई थी।

वहीं आज एक बार फिर समीक्षा करने के बाद रैलियों पर बैन को एक सप्ताह आगे बढ़ाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने पार्टियों को आदेश दिया है कि वे कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करें। वहीं आयोग ने राज्य और जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि सभी नियमों और आदेशों का पालन हो रहा है।

सपाइयों पर केस दर्ज

इधर मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी में शनिवार को कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 95 हजार के पार हो गई है। बताया गया कि इनमें 42 हजार से अधिक उन 11 जिलों में हैं, जहां पहले फेज के इलेक्शन होने हैं। वहीं एक दिन पहले लखनऊ में समाजवादी पार्टी दफ्तर में जुटे कार्यकर्ताओं पर कोविड प्रोटोकाल उल्लंघन का केस भी दर्ज किया गया है।

बताया गया कि गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद और मेरठ तो पूरे यूपी में कोरोना के एपिसेंटर बनकर उभरे हैं। ऐसे हालात में इस बात की संभावना बेहद कम है कि यूपी चुनाव में इस बार जनसभाओं की अनुमति मिल पाएगी। जानकारों के मुताबिक अगर इन हालातों में रैलियों की परमिशन मिली तो हालात और भी खराब हो सकते हैं।

बताया गया कि 10 फरवरी को राज्य के पश्चिमी यूपी के 11 जिलों में वोटिंग होगी। इसमें गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा, आगरा शामिल हैं। बताया गया कि यहां की 58 विधानसभाओं में चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो चुकी है।

विस्फोटक हुई कोरोना की स्थिति

इधर यूपी में कोरोना की स्थिति विस्फोटक होती दिख रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शनिवार को यूपी में 15 हजार 795 नए केस मिले हैं। सबसे अधिक लखनऊ में 2769, गौतमबुद्ध नगर में 1873, गाजियाबाद में 1371, मेरठ में 1135 और आगरा में 660 कोरोन के नए मरी​ज मिले हैं। वहीं इस दरम्यान लखनऊ, मेरठ, मुजफ्फरनगर,

और मैनपुरी में 1-1 मरीज की मौत हुई है। बताया गया कि राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या 95 हजार 148 हो गई है। वहीं इस दौरान 5 हजार 31 लोगों को ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। बताया गया कि सूबे में पॉजिटिविटी रेट 1.89 फीसद हो गई है। वहीं रिकवरी रेट बढ़कर 93.5 फीसदी तक तक पहुंच चुकी है।

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