ढकवा प्रतापगढ़। छात्र संगठन- एआईडीएसओ के 68वें स्थापना दिवस (28 दिसम्बर) के अवसर पर आज 2 जनवरी 2022 को, शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण व सांप्रदायीकरण को बढ़ावा देने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 व मंहगी होती शिक्षा तथा सांस्कृतिक पतन के खिलाफ जौनपुर, प्रतापगढ़ व सुल्तानपुर के छात्र छात्राओं का एक दिवसीय छात्र कैंप का आयोजन डॉ. बी आर अम्बेडकर शिक्षण संस्थान ढकवा प्रतापगढ़ के प्रांगण में किया गया। कार्यक्रम में जौनपुर, प्रतापगढ़ व सुल्तानपुर के सैकड़ों छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया और कैंप में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम व खेलकूद में बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी किया ।
हर क्षेत्र में संकट व्याप्त है
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद श्री समर महतो (ऑल इंडिया सचिव मण्डल सदस्य AIDSO) ने कहा कि, समाज आज चौतरफा संकट के दौर से गुजर रहा है। शिक्षा संस्कृति और मानवता तथा हर क्षेत्र में संकट व्याप्त है। हमारे देश में नवजागरण काल व आजादी आंदोलन के महान मनीषियों- राजा राममोहन राय, ईश्वरचंद्र विद्यासागर, ज्योतिबा फूले, मुंशी प्रेमचंद, शरतचंद्र, खुदीराम बोस, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खान, प्रीतिलता वाद्देदार, दुर्गा भाभी जैसे अनगिनत महान वीरो व वीरांगनाओं ने भारत को अंग्रेजों की बेड़ियों से मुक्त करा कर एक शोषणविहीन समाज बनाने की परिकल्पना की थी और सबके लिए निशुल्क जनवादी वैज्ञानिक व धर्म निरपेक्ष शिक्षा पद्धति लागू करने का सपना देखा था। लेकिन देश की आजादी के बाद भी शिक्षा की समस्याओं का समाधान न हो सका।
क्रांतिकारी शिवदास घोष
इसीलिए आजादी आन्दोलन के महान क्रांतिकारी शिवदास घोष ने 28 दिसम्बर 1954 को छात्र संगठन AIDSO की स्थापना की, ताकि उन महापुरुषों के सपनों को पूरा करने लिए संघर्ष जारी रहे। आज छात्र नौजवानों को उनके विचारों से सीख लेकर शोषण विहीन समाज की स्थापना करने व उनके अधूरे सपने को पूरा करने में खुद को आगे ले आना होगा और एक ऊंचे दर्जे के इंसान बनने के लिए उच्च आदर्श, नीति नैतिकता व संस्कृति को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां शिक्षा को महंगा बनाया जा रहा है तो दूसरी तरफ शिक्षा के मूल उद्देश्य- मानव चरित्र निर्माण करने, सामाजिक उत्तरदायित्व की भावना पैदा करने, मानवीय संवेदना सृजित करने वाले शिक्षा मूल्यों को खत्म किया जा रहा है। पाठ्यक्रमों में मनमाना बदलाव करके गैर ऐतिहासिक और अवैज्ञानिक व काल्पनिक विचारों को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है।
मानवतावादी लेखकों की रचनाओं को हटाया
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 इस दिशा में आग में घी का काम कर रही है और जनवादी वैज्ञानिक व धर्म निरपेक्ष शिक्षा पद्धति को पूरी तरह से रौंद रही है। हास्यास्पद है कि कवि गुरु रविंद्र नाथ टैगोर की “द होम कमिंग” और एस राधाकृष्णन की “द विमेंस एजुकेशन” व अन्य मानवतावादी लेखकों की रचनाओं को यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम से हटाया हटा दिया गया है और मेरठ विश्वविद्यालय में योगी आदित्यनाथ की हठयोग और बाबा रामदेव की योग साधना को शामिल किया जा रहा है। इस तरह शिक्षा पर हो रहे फासीवादी हमले को रोकने के लिए एक सशक्त छात्र आंदोलन की ज़रूरत है।
कार्यक्रम की शुरुआत एआईडीएसओ के संस्थापक कामरेड शिवदास घोष के चित्र पर व शहीद वेदी पर माल्यार्पण करके की गई।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रवीण कुमार विश्वकर्मा- व संचालन- सन्तोष कुमार प्रजापति ने किया। कार्यक्रम को संगठन के राज्य सचिव दिलीप कुमार व विकास कुमार मौर्य सम्बोधित किया। इस अवसर पर हरिशंकर मौर्य (राज्य अध्यक्ष AIDSO उत्तर प्रदेश), रामकुमार यादव (राज्य सचिव, AIDYO, उत्तर प्रदेश), मिथिलेश कुमार मौर्य (पूर्व राज्य उपाध्यक्ष AIDSO) के अलावां शिवकुमार विश्वकर्मा, अंजलि सरोज, ऋषि तिवारी, विजय प्रकाश, तृप्ति राव, अनीता निषाद, पूनम प्रजापति, बंदना विश्वकर्मा, अखिल यादव आदि उपस्थित रहे।
इसे भी पढ़ें..