लखनऊ बिजनेस डेस्क। देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने दैनिक कारोबारों और उत्पाद मूल्य निर्धारण में लिबोर सेसेशन से आवश्यक नए अनुशंसित ब्याज दर बेंचमार्क को अपनाने के लिए तैयार है। एसबीआई में सभी प्रणालियां और प्रक्रियाएं इन वैकल्पिक संदर्भ दरों (एआरआर) से जुड़े लेनदेन का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। बैंक ने पहले ही अपनी घरेलू और विदेशी शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों को एआरआर आधारित उत्पादों की पेशकश शुरू कर दी है।
इसके अतिरिक्त, नॉलेज शेयरिंग सेशंस के माध्यम से अपने ग्राहकों और व्यापक ग्राहक समूहों के बीच इस बदलाव के बारे में जागरूकता फैलाने में भी बैंक सबसे आगे है। इस बदलाव के बारे में मैनेजिंग डायरेक्टर (इंटरनेशनल बैंकिंग, टैक्नोलॉजी एंड सब्सिडरीज)
लखनऊ बिजनेस डेस्क। देश का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने दैनिक कारोबारों और उत्पाद मूल्य निर्धारण में लिबोर सेसेशन से आवश्यक नए अनुशंसित ब्याज दर बेंचमार्क को अपनाने के लिए तैयार है। एसबीआई में सभी प्रणालियां और प्रक्रियाएं इन वैकल्पिक संदर्भ दरों (एआरआर) से जुड़े लेनदेन का समर्थन करने के लिए तैयार हैं। बैंक ने पहले ही अपनी घरेलू और विदेशी शाखाओं के माध्यम से ग्राहकों को एआरआर आधारित उत्पादों की पेशकश शुरू कर दी है।
टरनेशनल बैंकिंग, टैक्नोलॉजी एंड सब्सिडरीज
इसके अतिरिक्त, नॉलेज शेयरिंग सेशंस के माध्यम से अपने ग्राहकों और व्यापक ग्राहक समूहों के बीच इस बदलाव के बारे में जागरूकता फैलाने में भी बैंक सबसे आगे है। इस बदलाव के बारे में मैनेजिंग डायरेक्टर (इंटरनेशनल बैंकिंग, टैक्नोलॉजी एंड सब्सिडरीज) श्री अश्विनी कुमार तिवारी ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय वित्तीय बाजारों के लिए लिबोर ट्रांजिशन एक महत्वपूर्ण वित्तीय घटना है। देश के सबसे बड़े बैंक के रूप में एसबीआई ने लिबोर ट्रांजिशन में हुए इस बदलाव के अनुरूप खुद को तैयार कर लिया है।
बैंक ने लिबोर से एआरआर में परिवर्तन को अपनाने के लिए अपने सिस्टम और प्रक्रियाओं को सक्रिय रूप से संशोधित भी कर लिया है। हमारी इस तैयारी की सहायता से भारतीय बैंकिंग उद्योग बड़े पैमाने पर एआरआर प्रणाली को अपनाने के लिए आसानी से परिवर्तन करने में सफल हो सकेगा।’’
बैंक ने लिबोर से एआरआर में परिवर्तन को अपनाने के लिए अपने सिस्टम और प्रक्रियाओं को सक्रिय रूप से संशोधित भी कर लिया है। हमारी इस तैयारी की सहायता से भारतीय बैंकिंग उद्योग बड़े पैमाने पर एआरआर प्रणाली को अपनाने के लिए आसानी से परिवर्तन करने में सफल हो सकेगा।’’
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