पीयूष जैन प्रकरण: काला धन बना गाढ़ी कमाई! कांग्रेस ने कसा तंज, भाजपा पर यूं बोला हमला

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पीयूष जैन के ठिकानों से लगभग दो सौ करोड़ की संपत्ति बरामद की गई है। प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में भी इस भ्रष्टाचार का जिक्र किया है परन्तु डीजीजीआई ने कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में 177.45 करोड़ की नकदी को टर्न ओवर की रकम माना है।

लखनऊ। बीते कई दिनों से कानपुर के इत्र व्यापारी पीयूष जैन के यहां जीएसटी की छापेमारी में मिले करीब दो सौ करोड़ के काले धन पर सियायत जारी है। कईयों ने तो छापेमारी को ही सियासी बताया। कई दिनों तक इसको लेकर चली सियासी उठा—पटक के बाद अब खबरे मिल रही है,

कि इत्र व्यापारी के ठिकानों से मिले काले धन को कोर्ट में दाखिल किए गए दस्तावेजों में गाढ़ी कमाई करार दिया गया है। इसको लेकर अब कांग्रेस ने हमला बोला है। इसी क्रम में यूपी कांग्रेस अध्यक्ष ने तंज कसते हुए भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है।

दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी में इत्र बनाने वाले पीयूष जैन के कानपुर एवं कन्नौज के ठिकानों पर यहां डीजीजीआई और आयकर विभाग ने छापेमारी की और वहां सबसे बड़ी जीएसटी चोरी पकड़ी गई। बताया गया कि के मुताबिक पीयूष जैन के ठिकानों से लगभग दो सौ करोड़ की संपत्ति बरामद की गई है।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषणों में भी इस भ्रष्टाचार का जिक्र किया है परन्तु डीजीजीआई ने कोर्ट में दाखिल दस्तावेजों में 177.45 करोड़ की नकदी को टर्न ओवर की रकम माना है।

कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर उठाए ये सवाल

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि बीजेपी और योगी सरकार से सवाल है कि टर्न ओवर की रकम कोई व्यक्ति दीवारों, गद्दों, बक्सों में छिपा कर रखता है? कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ये सवाल उठाते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार पर यह आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी स्वयं भ्रष्टाचार के इत्र का सेवन कर रही है।

केन्द्र में एवं उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार पिछले पांच वर्षाे से कार्यरत है। ऐसा कैसे संभव है कि कोई व्यक्ति करोड़ों का विदेशी सोना बिना कस्टम दिये देश में ले आया। यह कैसे सम्भव है कि कोई व्यक्ति पांच वर्ष से केन्द्रीय एजेंसियों की आंखों में धूल झोंककर करोड़ों रुपयों का कैश जमा कर लेता है, और एजेंसियों को पता ही नही चला।

निश्चित रूप से इस भ्रष्टाचार में भाजपा सरकार लिप्त है। यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस राज्य सरकार से यह प्रश्न पूछती है कि राज्य के जीएसटी विभाग के अधिकारी पिछले पांच वर्ष से आंख बंद कर इस भ्रष्टाचार को क्यों होने दे रहे थे। यह आश्चर्य की बात है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के भ्रष्टाचार के इत्र की खुशबू गुजरात तक पहुंच गई,

वहां के अधिकारियों ने उत्तर प्रदेश में आकर छापेमारी की और यहां की सरकार को बड़ी देर से पता चला। कहीं ऐसा तो नहीं है कि उत्तर प्रदेश के जीएसटी विभाग के अधिकारी भाजपा की रैलियों के लिए भीड़ जुटाने में व्यस्त रहते हैं।

भाजपा पर लगाया आरोप

उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि इस भ्रष्टाचार में न सिर्फ समाजवादी पार्टी बल्कि भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से लिप्त है। भारतीय जनता पार्टी का उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार का इतिहास नया नहीं है। कोरोना काल में पीपीई किट, मिड डे मील तथा स्कूल जाने वाले बच्चों के बस्ते एवं जूतों के वितरण में भी भ्रष्टाचार की बातें सामने आईं।

कोरोना काल में भाजपा के अनेक एमएलए एवं एमपी ने भी भ्रष्टाचार के आरोप उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर लगाये थे। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस यह मांग करती है कि कानपुर मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए, दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।

प्रदेश की भाजपा सरकार के इस भ्रष्टाचार को प्रदेश की जनता आने वाले विधानसभा चुनाव 2022 में जवाब देगी।

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