अध्ययन में खुलासा: 76 फीसदी भारतीयों ने निवेश का तरीका बदला, किराए की जगह खरीद रहे संपत्ति

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Study reveals: 76 per cent Indians changed their way of investing, buying property instead of renting
गृहस्वामी को बेहतर ढंग से सुविधा प्रदान की जा सके और ग्राहक के वित्तपोषण अनुभव को आसान बनाया जा सके।

लखनऊ बिजनेस डेस्क। महामारी के बाद के परिदृश्य में अब हर 4 में से 3 भारतीय किराए पर घर लेने के बजाय संपत्ति खरीदना अधिक पसंद करते हैं, गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस (जीएचएफ) द्वारा कराये गयेनवीनतम अध्ययन पोस्ट ‘जनरेशन-रेंट’ ने यह खुलासा किया है। इस अध्ययन का उद्देश्य महामारी के बाद की दुनिया में भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा उनका भविष्य सुरक्षित करने हेतु प्रोपर्टी की खरीद, संपत्ति निर्माण और निवेश अवसरों के संबंध में उनके विचार में बदलाव लाने वाले निर्णयों के कारकों को जानना था।

उद्योग विशेषज्ञों को आगामी महीनों में निरंतर तेजी होने का अनुमान है आने वाले महीनों में तेजी आएगी, जिससे सभी क्षेत्रों में लंबे समय तक रुकी हुई मांग में कमी आएगी। सर्वेक्षण ने इसे वैधांकित किया कि इसमें में शामिल अधिकांश लोगों ने कहा कि वे अब ‘जनरेशन-रेंट’ के रूप में लेबल किए जाने की पहले की धारणा से अलग होकर अपनी खुद की संपत्ति में निवेश करने की इच्छा रखते हैं।

शादी के परिधान खरीदना पसंद करते हैं

‘जेनरेशन-रेंट’ दुनिया भर में मिलेनियल्स से जुड़ी एक अच्छी तरह से प्रलेखित तथ्य है, जो उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं और यहां तक कि आवास के संदर्भ में भी उन्हें खरीदने के बजाये किराये पर लेना पसंद करते हैं। पहले की धारणाओं के विपरीत, लगभग 62 प्रतिशत भारतीयों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वे अब किराए पर लेने के बजाय अपने फर्नीचर, कार, घर और शादी के परिधान खरीदना पसंद करते हैं क्योंकि इससे उन्हें भविष्य में अधिक स्थिरता मिलती है।

गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस के पोस्ट ‘जेनरेशन-रेंट’ के अध्ययन से पता चला है कि लगभग आधे भारतीयों (49.13 प्रतिशत) ने पिछले एक साल में अपना घर तलाश करने की आकांक्षाओं में आगे बढ़ना शुरू कर दिया था और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों तक पहुंचना शुरू कर दिया था। 32.9 प्रतिशत का मानना है कि नया घर खरीदना वर्तमान में सबसे अच्छा निवेश विकल्प है, जबकि 16 प्रतिशत ने बताया कि घर खरीदना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है क्योंकि घर से काम करना अब नया नॉर्मल बन चुका है।

25.5 प्रतिशत भारतीय ‘व्यक्तिगत सुरक्षा’

अध्ययन में यह भी पाया गया कि 25.5 प्रतिशत भारतीय ‘व्यक्तिगत सुरक्षा’ को परिभाषित करने वाला दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पहलू घर के मालिक होने पर विचार करते हैं, जिसमें नौकरी की सुरक्षा 40.6 फीसदी मतदान के साथ चार्ट में सबसे आगे है। निष्कर्षों पर टिप्पणी करते हुए, मनीष शाह, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, गोदरेज हाउसिंग फाइनेंस ने कहा, “महामारी ने भारतीय उपभोक्ताओं वरीयताओं में स्पष्ट बदलाव लाया है। वे लंबी अवधि के निवेश के जरिए फ्यूचर-प्रूफिंग की ओर बढ़ रहे हैं।

वर्तमान में सामर्थ्यता सर्वोच्च होने के साथ, घर खरीदने का इससे बेहतर समय शायद कभी नहीं रहा, जो परिसंपत्ति आवंटन का एक महत्वपूर्ण तत्व और वित्तीय सुरक्षा का एक प्रमुख स्तंभ दोनों है। उन्होंने कहा, ग्राहकों का मानना है कि इस परिवर्तन के लिए उनके वित्तीय भागीदार से इस दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के माध्यम से सलाह देने और मार्गदर्शन करने के लिए उनके समर्थन की आवश्यकता है। अध्ययन ने उत्पाद डिजाइन और वितरण दोनों में नवाचार, लचीलेपन और डिजिटल विकल्पों की पेशकश करने की हमारी आवश्यकता को फिर से पुष्टि की ताकि गृहस्वामी को बेहतर ढंग से सुविधा प्रदान की जा सके और ग्राहक के वित्तपोषण अनुभव को आसान बनाया जा सके।”

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