अवनीश पाण्डेय, कुशीनगर: योगी सरकार के कैविनेट मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता को इसबार बड़ी चुनौती मिलने वाली है। 2022 विधानसभा चुनाव में उन्हें सपा सरकार में मंत्री रहे ब्रम्हाशंकर तिवारी कड़ी टक्कर देगें। सपा के तरफ से भी इस बार दिग्गज नेता का चुनवी मैदान में उतरना बीजेपी को भारी पड़ सकता है। ऐसे में स्थानीय लोगों में इसकी बखूबी चर्चा है।
बता दें कि सूबे के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही पथरदेवा के विधायक हैं। उन्होंने 2017 के चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी व पूर्व मंत्री शाकिर अली को 42997 मतों से पराजित किया था। हालांकि इससे पहले शाही ने 2002 से 2017 के बीच इस सीट पर हार की हैट्रिक बनायी थी।
शाही का ये है रसूख
शाही की पहचान भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में होती है। 1989 में राम जन्मभूमि आंदोलन में सक्रिय निभाने वाले शाही ने पहली बार 1985 में कांग्रेस का वर्चस्व तोड़ कर इस सीट पर कब्जा किया था जबकि 1997 से 2002 तक वह प्रदेश में आबकारी मंत्री की हैसियत से रहे।
तिवारी से लगी है लोगों की उम्मीद
ब्रह्मा शंकर तिवारी और शाही दोनों दग्गिज नेता हैं। ब्रह्मा शंकर के समर्थकों का मानना है कि पथरदेवा विधानसभा में जो विकास होना चाहिए था,वह नहीं हो सका है। राजनीति वश्लेषक ब्रह्मा शंकर के आने से आगामी चुनाव में शाही को कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद जता रहे हैं।
बसपा और काग्रेंस की हालत डमाडोल
क्षेत्र में फिलहाल बसपा और कांग्रेस तनिक भी सक्रिय नहीं दिखायी दे रही है जिसके चलते मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच होना तय माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि अगर आगामी विधानसभा चुनाव में अगर सीधी लड़ाई भाजपा और सपा में होती है,तो इसका फायदा यहां ब्रह्मा शंकर तिवारी को मिल सकता है क्योंकि बसपा के कमजोर होने से बसपा के पुश्तैनी वोट तथा अल्पसंख्यकों के वोटों का फायदा ब्रह्मा शंकर उठा सकते हैं।
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