जौनपुर।आजादी आंदोलन के गैर – समझौतावादी धारा के महान क्रांतिकारियों व काकोरी घटना के वीरों- राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी व रोशन सिंह की 94 वीं शहादत दिवस के अवसर पर *आल इण्डिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन (AIDSO)* छात्र संगठन के द्वारा टी डी कॉलेज जौनपुर के सामने *साझी शहादत साझी विरासत* के नारे के साथ श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में शहीदों की फ़ोटो पर सैकड़ों छात्र छात्राओं, शिक्षकों व आम लोगों ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दिया, और शहीदों की फ़ोटो से निर्मित बैज धारण किये। इसके बाद नुक्कड़ सभा की गई।
कार्यक्रम में मौजूद वक्ताओं ने कहा कि हर साल 17 व 19 दिसंबर का दिन काकोरी के वीरों की कुर्बानी हमारे अंदर समाज के प्रति दायित्व बोध जगाने तथा सांप्रदायिक सोच, जातिवादी भेदभाव व छुआछूत जैसे दकियानूसी विचारों से मुक्त होकर हर अन्याय और शोषण जुल्म के खिलाफ लड़ने के लिए प्रेरित करता है। काकोरी घटना के वीर सपूतों में राजेंद्र नाथ लाहिड़ी को 17 दिसंबर और राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां व रोशन सिंह को 19 दिसंबर 1927 को क्रमशः गोण्डा, फैजाबाद, गोरखपुर व इलाहाबाद की जेलों में जुल्मी ब्रिटिश सरकार ने फांसी पर लटका दिया था।
मानव के शोषण का खात्मा हो जाएगा
गैर – समझौतावादी धारा के इन महान क्रांतिकारियों का सपना था कि अंग्रेजों की गुलामी की बेड़ियों से मुक्त कराकर भारत को एक समाजवादी वतन बनाएंगे, जहां मानव के द्वारा मानव के शोषण का खात्मा हो जाएगा। देश में अमन चैन व खुशहाली आएगी। रोटी कपड़ा मकान शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा व सम्मान की सबको गारंटी होगी। लेकिन आजादी के 74 वर्षों में उन शहीदों के सपनों का एक भी हिस्सा साकार नहीं हो सका। इसलिए क्रांतिकारियों के गैर – समझौतावादी विचारधारा से प्रेरणा लेकर आज भी संघर्ष करने की जरूरत है।इस अवसर पर छात्र संगठन AIDSO के जिला संयोजक- संतोष प्रजापति, संगम मौर्य, आदर्श प्रजापति, विनय दूबे, प्रवीण शुक्ल के अलावां अन्य लोग मौजूद रहे।