फार्म मेकेनाइजेशन के भविष्य को परिभाषित करते प्रमुख मेगा ट्रेंड्स

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लखनऊ-बिजनेस डेस्क। महामारी के चलते हुए श्रमिकों के प्रवास के कारण मशीनीकरण का उपयोग बढ़ा, जिसके परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 20-21 में कृषि मशीनरी की बिक्री में अच्छी वृद्धि हुई। विश्व स्तर पर कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए इसे एक प्रमुख उपकरण के रूप में माना गया। कई अध्ययनों से पता चलता है कि फार्म मेकेनाइजेशन और बढ़ी हुई उपज के बीच सीधा संबंध है।

इससे किसानों को कई आर्थिक और सामाजिक लाभ हुए। भारत में कृषि मशीनरी उद्योग मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में असंगठित कार्यशालाओं द्वारा निर्मित निम्न प्रौद्योगिकी उपकरणों पर केंद्रित है। इसलिए यह ज़रूरी हो गया है कि यह ट्रैक्टर उद्योग की तरह तेजी से बढ़े। भारतीय और वैश्विक ब्रांड इस क्षेत्र में प्रयास को आगे बढ़ा रहे हैं।

रोजगार में होगी वृद्धि

इससे विनिर्माण रोजगार, प्रौद्योगिकी विकास, कृषि आय में सुधार और भारत के लिए निर्यात के अवसर पैदा होंगे। प्रौद्योगिकी परिवर्तनों में फ्युल इंजेक्शन प्रणालियाँ, संशोधित वायु प्रबंधन प्रणालियाँ और उपचार प्रणालियों के बाद निकास शामिल हैं। इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि भविष्य में कृषि मशीनीकरण टिकाऊ बना रहे।

डीलर नेटवर्क और कर्मचारी भविष्य के लिए तैयार होने के प्रयास कर रहे हैं ताकि इन नई तकनीकों को लाने वाली आवश्यकताओं के अनुकूल होने में सक्षम हो सकें। महिंद्रा लिमिटेड के प्रेसिडेंट, फार्म इक्विपमेंट सेक्टर और ट्रैक्टर एवं मेकेनाइजेश एसोसिएशन के प्रेसिडेंट, हेमंत सिक्का बताते हैं, “किसानों को कृषि विज्ञान सलाहकार सेवाओं, किराए पर उन्नत कृषि उपकरणों तक पहुंच और लागत कम करने, उत्पादकता और आय में सुधार के लिए नए जमाने के सटीक कृषि समाधानों पर ध्यान देने की आवश्यकता है।

ग्रामीण भारत में डिजिटल वृद्धि

परिष्कृत संचार प्रौद्योगिकियां और नेटवर्क आज उपकरणों पर निगरानी और सटीक नियंत्रण प्रदान करते हैं। अत्याधुनिक कनेक्टिविटी प्रौद्योगिकियों के चलते कृषि में बदलाव आ रहा है। महिंद्रा जैसी कंपनियों ने वास्तविक समय के आधार पर ट्रैक्टरों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए मालिकों, फ्लीट ऑपरेटरों, ड्राइवरों, डीलरों और सेवा टीमों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से प्रौद्योगिकी समाधान विकसित किए हैं।

किसान अपने स्मार्ट फोन से जुड़ी टेलीमैटिक्स तकनीकों का उपयोग करके अपने क्षेत्र के उपकरणों से दूर से जानकारी एकत्र करने और प्रबंधित करने की क्षमता रखते हैं। ग्रामीण भारत में डिजिटल अपनाने में तेजी का श्रेय किफायती स्मार्ट फोन, सस्ते डेटा प्लान और डिजिटल इंडिया पर सरकार के जोर को दिया जा सकता है।

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