लखनऊ-बिजनेस डेस्क। भारतीय स्टेट बैंक के पास वर्तमान में 16 करोड़ से अधिक बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट (बीएसबीडी) खातों का एक व्यापक आधार है, जिसमें से वित्तीय समावेशन (एफआई) ग्राहकों की संख्या लगभग 14 करोड़ है। इन एफआई ग्राहकों को प्रतिदिन लगभग 30 लाख लेनदेन के साथ 70,193 बैंक मित्रों (सीएसपी) के बिजनेस कॉरेस्पोंडेंट (बीसी) चैनल नेटवर्क के माध्यम से सेवाएं प्रदान की जाती हैं।
बैंक मित्र घर-घर पहुंचकर दें रहे सेवाएं
ये बैंक मित्र ग्राहकों को, विशेष रूप से कम समृद्ध लोगों को घर-घर/घर के पास सेवाएं प्रदान करते हैं। बुनियादी बैंकिंग सेवाओं को उपलब्ध कराने के अलावा, बैंक मित्र सामाजिक सुरक्षा योजनाओं (एपीवाई/ पीएमजेजेबीवाई/ पीएमएसबीवाई) के तहत नामांकन जैसी सेवाएं भी प्रदान करते हैं। पिछले तीन वर्षों में बैंक मित्रों ने इन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में 4 करोड़ से अधिक ग्राहकों का नामांकन किया है।
बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए सभी डिजिटल लेनदेन को 01.01.2020 से नि:शुल्क कर दिया है। इसके अलावा, बैंक ने अपने सभी बचत बैंक खाताधारकों के लिए एसएमएस सेवाओं और न्यूनतम शेष राशि के रखरखाव पर शुल्क भी माफ कर दिया है। 22.11.2021 को प्रकाशित एक समाचार में आरोप लगाया गया था कि एसबीआई ने डिजिटल लेनदेन पर अप्रैल 2017 से दिसंबर 2019 के बीच ग्राहकों से वसूले गए शुल्क को वापस नहीं किया है।
माइक्रो एटीएम कार्ड
बैंक द्वारा जारी बयान के अनुसार बीसी चैनल एक आउटसोर्स मॉडल है जहां ग्राहकों को सभी सेवाएं बैंक मित्रों द्वारा असिस्टेड मोड में प्रदान की जाती हैं। ग्राहक इन सीएसपी आउटलेट्स पर आधार आधारित लेनदेन (एईपीएस), माइक्रो एटीएम पर कार्ड और पिन आधारित लेनदेन और फंड ट्रांसफर लेनदेन कर सकते हैं। बीसी/सीएसपी को मासिक नियत कमीशन के अलावा प्रति लेनदेन कमीशन का भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा, बैंक को एईपीएस के लिए इंटरचेंज शुल्क, माइक्रो एटीएम आधारित लेनदेन पर कार्ड $ पिन और एनपीसीआई को फंड ट्रांसफर लेनदेन का भुगतान करना आवश्यक है। ऐसे लेनदेन की औसत लागत 12.72 रुपए आती है, जिसे बैंक द्वारा वहन किया जाता है।
इसे भी पढ़ें..