मिशन-2022: यूपी का ‘रण’ भाजपा के दिग्गजों का बना ‘गढ़’, इन नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर

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अगले बरस यूपी विधान सभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। पार्टी आलाकमान पूरी मुस्तैदी के साथ रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुटे हुए हैं।

अवनीश पाण्डेय (लखनऊ)। अगले बरस यूपी विधान सभा चुनाव को लेकर बीजेपी ने कमर कस ली है। पार्टी आलाकमान पूरी मुस्तैदी के साथ रणनीति को अमलीजामा पहनाने में जुटे हुए हैं। यूपी का रण बीजेपी के लिए अहम माना जाता रहा है।

ऐसे में चुनावी सरगर्मियों के बीच भाजपा के दिग्गजों ने यूपी को अपना गढ़ बनाते हुए यहां डेरा डाल दिया है। दरअसल भाजपा के चाणक्य अमित शाह पहले ही साफ कर चुके हैं कि​ केन्द्र में फिर से मोदी सरकार बनाने के लिए यूपी में योगी को जीतना ही होगा। यही वजह है कि शीर्षस्थ नेताओं को यूपी में डेरा डालना पड़ रहा है।

पार्टी अध्यक्ष से लेकर वरिष्ठ नेताओं को प्रदेश में अलग—अलग जिम्मेदारी सौंपी जा चुकी है। यहां तक कि पीएम मोदी की भी सूबे में आमद बढ़ी है। यूपी के चुनाव को देखते हुए हाल के दिनों में प्रधानमंत्री ने कई अहम फैसले भी लिए हैं। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा तीन किसान कानून वापसी का रहा।

इन सबसे प्रदेश के साथ साथ देश के राजनीति में भी नया मोड़ आया है। बीते दिनों पीएम मोदी ने यूपी की राजधानी लखनऊ का दौरा भी किया और सुरक्षा को लेकर देश और प्रदेश के सभी बड़े अधिकारियों के साथ मिटिंग भी की।

कांग्रेस की गलती को नहीं दोहराना चाहती बीजेपी

माना जा रहा है कि यूपी में बीजेपी कांग्रेस की गलती को दोहराना नहीं चाहती। करीब चार दशक सत्ता में रहने के बाद जब कांग्रेस ने यूपी में अपनी सत्ता गवाई तो उसके बाद से पार्टी को कभी भी केन्द्र में बहुमत नहीं मिल पाया। दरअसल 1989 में कांग्रेस के यूपी की सियासत से अलविदा होने के बाद प्रदेश में क्षेत्रीय पार्टियों का बोलबाला शुरु हुआ।

इस बीच बीजेपी अपनी सक्रियता की बदौलत तीन बार सियासत के शिखर तक पहुचने में कामयाब रही।

यूं हुआ यूपी से कांग्रेस का सफाया

2009 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के दोगुनी से ज्यादा सीटें जीतने वाली कांग्रेस, आज अपना सम्मान बचाए रखने के लिए जूझ रही है। 2014 लोकसभा चुनाव में तो कांग्रेस को 2 सीटें ही हाथ लगी थी। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में बीजेपी की सरकार होने से उन्हें काफी फायदा मिला।

सपा बसपा गठबंधन के बाद भी बीजेपी 80 में से 62 पर जीत हासिल करने में कामयाब रही। यही कारण है कि यूपी चुनाव को लेकर बीजेपी बहुत ही मुस्तैद नजर आ रही है। वह यूपी की सत्ता में बने रहने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई है। प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी के सभी बड़े नेता अपना पूरा जोर लगा रहे हैं।

भाजपा के इन दिग्गजों की साख दांव पर

यूपी मिशन-2022 को लेकर भाजपा के दिग्गजों को जिम्मेदारी सौपी जा चुकी है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को गोरखपुर और कानपुर क्षेत्र का प्रभार दिया गया है, तो रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को अवध क्षेत्र और बनारस का प्रभार सौंपा गया है। इसी तरह प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र की कमान गृहमंत्री अमित शाह सौंपी गई है।

इस तरह से देखा जाए तो यूपी के रण में भाजपा के इन दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।

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