भोपाल। अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस घटिया काम कहे, या पुरानी फीटिंग पर मशीनों का लोड बढ़ाए जाने की वजह से शार्ट सर्किट से अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं हो रही है। अभी महाराष्ट्र के अहमद नगर की घटना ठंडी भी नहीं हुई थी, कि मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के सबसे बड़े अस्पताल Hamidia
में शार्ट सर्किट की वजह से आग लग गई। इस आग में चार बच्चों की मौत हो गई। जिस वक्त बच्चा वार्ड में आग लगी, उस समय वहां 40 बच्चे भर्ती थे, लेकिन स्टाफ और बचाव दल की सक्रियता से 36 बच्चों को बचा लिया गया।
Hamidia में मची चीख-पुकार
सोमवार देर रात Hamidia अस्पताल में सबकुछ सामान्य चल रहा था, अचानक शार्ट सर्किट से उठी चिंगारी ने पूरे वार्ड में अफरा-तफरी मचा दी। आग से पूरे अस्पताल परिसर में धुआं-धुआं हो गया। किसी तरह धुएं और अंधेरे के बीच से बच्चों को बचाने की कोशिश होने लगी,40 मे से 36 बच्चों को तो बचा लिया गया, वहीं चार बच्चों की मौत के बाद उनके परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल हो गया। आग पर तो काबू पा लिया गया, लेकिन देर रात तक राहत-बचाव कार्य जारी था।
मालूम हो कि Hamidia के जिस चिल्ड्रन वार्ड में आग लगी, उसे नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाना था। कई लोगों को स्ट्रेचर से बाहर निकालकर दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।
मुख्यमंत्री ने जांच के दिए आदेश Hamidia
चार बच्चों की मौत की पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल के चाइल्ड वार्ड में आग की घटना दुखद है। दुर्भाग्यवश पहले से गंभीर रूप से बीमार होने पर भर्ती तीन बच्चों को नहीं बचाया जा सका। घटना की जांच के निर्देश दिए गए हैं। ये जांच एडिशनल चीफ सेक्रेटरी लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मोहम्मद सुलेमान करेंगे। घटना पर मेरी लगातार नजर है।
मालूम हो कि इससे पहले भी Hamidia अस्पताल परिसर में 7 अक्टूबर को भी नई बिल्डिंग में दूसरे तल पर ठेकेदार के स्टोर रूम में आग लग गई थी। फायर ब्रिगेड की 5 गाड़ियों ने एक घंटे में इस पर काबू पाया था। इससे पहले महाराष्ट्र के अहमद में नगर में कोविड अस्पताल में आग लगने से दस लोगों की मौत हो चुकी है।
Hamidia में घटिया क्वालिटी के सुरक्षा उपकरण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आग Hamidia एनआईसीयू में शार्ट सर्किट के कारण लगी। जहां पर पूरा वार्ड नाम मात्र के फायर एस्टिग्युसर के भरोसे है। फायर नार्मस के अनुसार एक्जिट गेट तक नहीं है। 21 साल पुरानी बिल्डिंग में फायर हाइड्रेड लगे है, लेकिन इनकी लंबे समय से मरम्मत नहीं होने से ठप पड़े है। यहीं कारण है कि आग तेजी से फैली। आग के कारण एनआईसीयू और वार्ड धुंआ धुंआ हो गया।स्थिति यह थी कि लोग एक दूसरे को भी नहीं देख पा रहे थे। इसके कारण बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ा। वहीं, कुछ लोगों को Hamidia अस्पताल परिसर में ही ट्रामा सेंटर में एडमिट किया गया।
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