योगी सरकार आज प्रदेश के बच्चों के अभिभावकों के खातों में ट्रांसफर करेगी 11 सौ रुपये

422
Mahatilak: Granddaughter of SP Patron Mulayam Singh Yadav did Yogi's 'Rajtilak'
सीएम योगी आदित्यनाथ इस बार गोरखपुर की सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और शानदार जीत भी हासिल की।

लखनऊ। बीजेपी सरकार प्रदेश के बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ने वाले 1.80 करोड़ छात्रों के अभिभावकों के बैंक खातों में शनिवार शाम पांच बजे डीबीटी के माध्यम से 11 सौ रुपये ट्रांसफर करेगी। इस पैसे से छात्रों के परिजन स्कूली यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूते, मोजे और बैग आदि खरीद सकेंगी। यह जानकारी बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दी। जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री 6 नवंबर को इस योजना का शुभारंभ करेंगे।

इस विषय में सरकार ने अभिभावकों को हिदायत दी है ​कि इन रुपयों के खाते में पहुंचने के इससे सिर्फ बच्चों के यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्कूल बैग और स्वेटर ही खरीदी जाएं। इन पैसों को किसी दूसरे काम में नहीं लिया जाए। इस धनराशि से 300 रुपये की दर से दो जोड़ी यूनिफॉर्म खरीदना है। 200 रुपये से स्वेटर क्रय करना है। 125 रुपये से जूता-मोजा तथा 175 रुपये से स्कूल बैग खरीदा जाना है।

एक सप्ताह में खरीदने होंगे सामान

सरकार ने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर अभिभावकों के खाते में भेजी जाने वाली धनराशि से बच्चों के उल्लिखित सामान खरीदने का निर्देश दिया है। धनराशि प्राप्त होने के एक सप्ताह में अभिभावकों को यूनिफॉर्म, स्वेटर, जूता-मोजा और स्कूल बैग क्रय कर लेने का निर्देश दिया गया है।

आज शाम को होगा ट्रांसफर

इस संबंध में राज्य भर के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को सरकार की ओर से सूचित किया जा चुका है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज शाम को अभिभावकों के खातों में राशि ट्रांसफर करेंगे।इस बारे में शिक्षा विभाग की ओर से बुधवार की रात को सूचना प्रेषित की गई है जिसके बाद स्थानीय स्तर पर प्रशासन सक्रिय हो गया है। बताया गया है कि शनिवार छह नवंबर को मुख्यमंत्री शाम पांच बजे डीबीटी के लिए बटन दबाएंगे।

स्कूल बैग, स्वेटर, यूनीफॉर्म और जूता-मोजा का रंग और डिजाइन पिछले वर्ष वितरित हुए सामान की तरह ही होगा। हालांकि, शासन की ओर से बताई गई धनराशि में यह सामान खरीद पाना टेढ़ी खीर है। 125 रुपये में जूता-मोजा क्रय करना और 175 में स्कूल बैग क्रय कर पाना मुश्किल काम है। आपकों बता दें कि सरकार ने इस बार पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना की शुरूआत की है, इससे एक साथ बच्चों के अभिभावकों के खातें में रुपये पहुंच जाएंगे। पहले बच्चों को स्कूलों के माध्यम से सामान बांटे जाते थे, इसमें काफी देर और कमीशनखोरी होने लगती थी।

इसे भी पढ़ें…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here