यह कैसी मजबूरी: अपनी दो बच्चियों को कानपुर रेलवे स्टेशन पर सुलाकर चले गए माता-पिता

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What a compulsion: Parents went after putting their two daughters to sleep at Kanpur railway station
आरपीएफ जवानों की लाख कोशिशों के बाद भी अभी तक दोनों बच्चियों के परिजनों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी।

कानपुर। अपने देश में बच्चियों की देवी मानकर पूजा -अर्चना की जाती है। और आज से ही देवी के नौ रूपों की पूजा आराधना शुरू हुई है। और आज ही के दिन न जाने किस मजबूर माता​​-पिता ने अपनी फूल सी दो बच्चियों को सोते समय कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर छोड़ गए।

कानपुर रेलवे पुलिस को प्लेटफार्म नंबर-3 पर दोनों बच्चियां कुर्सियों पर लेटी हुई मिली। जब आसपास के लोगों को शक हुआ तो सूचना दी गई। इस बीच सेंट्रल स्टेशन में जीआरपी, आरपीएफ व चाइल्ड लाइन को काफी देर बाद सूचना मिली। जानकारी मिलते ही आरपीएफ और जीआरपी जवान मौके पर पहुंचे और बच्चियों के परिजनों की तलाश की।

आरपीएफ जवानों की लाख कोशिशों के बाद भी अभी तक दोनों बच्चियों के परिजनों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी। जीआरपी के मुताबिक एक बच्ची की उम्र 3 साल और दूसरी की उम्र 2 साल है। दोनों के पास से ऐसा कोई समान नहीं मिला जिससे उनकी पहचान हो सके।

बच्चियों के हाथ में बिस्कुट के पैकेट थे। दोनों लाल रंग और नीले रंग के कपड़े पहने हुई थीं। फिलहाल जीआरपी ने दोनों बच्चियों को चाइल्डलाइन को सौंप दिया है। बच्चियों के परिजनों की तलाश की जा रही है। वहीं माता —पिता से बिछुड़ने के बाद बच्चियों का रो-रोकर बुरा हाला है।

जीआरपी और आरपीएफ स्टेशन पर लगे कैमरों की मदद से बच्चियों के बारे में जानकारी जुटा रहा है कि बच्चियां यहां तक कैसे पहुंची, बच्चियां भी अपनों से बिछुछ़ने और कम उम्र होने की वजह से कोई जानकारी नहीं दे पा रही है।

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