प्रयागराज। अधिवक्ता मंच इलाहाबाद के तत्वावधान में 27 सितम्बर 2021 को किसानों द्वारा आहूत भारत बन्द को सफल बनाने के लिए आज एक तैयारी मीटिंग की गयी। मीटिंग की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष श्री विनोद चन्द दुबे ने किया। संचालन अधिवक्ता मंच के संयोजक राजवेन्द्र सिंह ने किया।
मीटिंग को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जमील अहमद आज़मी, रामकुमार गौतम, नाथूराम बौद्ध, सोनी आज़ाद, सतेन्द्र सिंह, विपिन बिहारी, बादशाह राईन, कमलेश रत्न यादव, अविनाश वर्मा, मो0 सईद सिद्दीकी, घनश्याम मौर्य, जीत बहादुर गौतम, कपिल यादव, एस. बी.सरोज, कमलेश चौधरी, भाष्कर पासवान, अशोक कुमार यादव, बैरिस्टर सिंह, अविनाश मिश्र आदि ने सम्बोधित किया।
इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कमल कृष्ण राय, इन्द्रसेन सिंह, प्रमोद कुमार गुप्त, शमीमुद्दीन खान, शमसुल इस्लाम, सरताज अहमद सिद्दीकी, सतवेंद्र आज़ाद, विनोद कुमार, आकिब अख्तर खान, बुद्ध प्रकाश, राजीव कुमार, नीतेश कुमार यादव, इमरान अहमद, फ़ैज़ अहमद, मो0 ज़ैद, मनोज यादव,प्रमोद कुमार गौतम, रमेश कुमार, अनूप कुमार शर्मा, संजय प्रजापति, सीमा आज़ाद, सच्चिदानंद यादव, बीरेन्द्र गौतम, अरुण कुमार, संजय कुमार, रंजीत कुमार, दयाशंकर, दिनेश कुमार, रण विजय, अजय भारती, अंजनी कुमार मुश्ताक़ अहमद, मो गुफरान सहित बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद रहे। सभी वक्ताओं ने किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए 27 सितम्बर के बंद को सफल बनाने का आह्वाहन किया।
अध्यक्षता कर रहे श्री विनोद चंद दुबे ने कहा कि अधिवक्ता किसान परिवार से ही आते हैं और आज जिस तरह से देश की जमीनें और सम्पदा को कुछ उद्द्योगपतियों के फायदे के लिए बेंचा ज रहा है ओर इसके खिलाफ उठती वजन को कुचलने की सरकार की कोशिश अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र संविधान को बचाने के लिए अधिवक्ताओं को आगे आकर भूमिका अदा करना होगा। तीन कृषि कानूनों के तमाम जनविरोधी प्रावधानों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि किसानो के लिए डाल्टन के दरवाजे बन्द करनेवाले ये काले कानून सिर्फ किसानो को ही नही बल्कि आनाज खाने वाले हर व्यक्ति को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। सबने एक स्वर से 27 सितम्बर को इलाहाबाद बैंड को सफल बनाने का आह्वान किया।