नवेद शिकोह, लखनऊ।किसी योगी को जप,तप और व्रत शक्तिशाली बनाता है। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने शासनकाल की अथाह चुनौतियों के आगे संघर्ष करते हुए जो तपस्याएं की उस तप ने इस योगी को सूबे का सर्वश्रेष्ठ कर्म योगी साबित कर दिया। प्रदेश देश-दुनियां में वैश्विक महामारी की बड़ी चुनौतियों से लड़ने से लेकर यूपी को जातिवाद की बेड़ियों से आजाद कराने के लिए ये योगी कुन्दन की तरह तपते रहे और निखरते रहे। निष्ठा, विवेक, संघर्ष और परिश्रम रंग लाया और आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की लोकप्रियता का जादू सिर चढ़ कर बोल रहा है।
राम मंदिर के फैसले पर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था के बीच अमन-चैन और शांति बनी रहना बड़ी उपलब्धि थी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दशकों पुरानें दिमागी बुखार पर काबू पाने का प्रयास सराहनीय रहा। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से देश के सबसे बड़े सूबे की इतनी बड़ी आबादी को बचाना आसाना नहीं था। जीवन के साथ रोजगार बचाना तो और भी बड़ी चुनौती रही। दुनियाभर में चरमराई आर्थिक व्यवस्था में यूपी की आम जनता के रोजगार से लेकर मुफ्त राशन मोहय्या करने में मोदी-योगी की जनहित की नीतियां बुरे वक्त में बड़ा सहारा बनीं। कोरोना की तीसरी लहर के ख़तरों से बचने के लिए ऑक्सीजन प्लांट और स्वास्थ्य व्यवस्था को और भी चुस्त-दुरुस्त करने के साथ यूपी मेंं सबसे अधिक कोरोना टीकाकरण का एक रिकार्ड कायम होना योगी सरकार की ख्याति की एक बड़ी वजह है।
सर्वे में सबकी पसंद योगी
यही सब कारण हैं कि यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अभी तक जितने भी सर्वे हुए है उसमें योगी सबकी एकमात्र पसंद बने हुए हैं। यहां तक कि विरोधी दलों के सर्वे भी विपक्षी पार्टियों को हताश और निराश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि सपा, बसपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी जमीनी हक़ीकत को समझने के लिए जो सर्वे करवाए हैं उसमें सामने आई यूपी की जनता की रायशुमारी में योगी आदित्यनाथ को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए जनता अपना मन बना चुकी है।
दंगों पर लगाई लगाम
सीएम की लोकप्रियता के आगे कोई दूसरा दूर-दूर तक नज़र नहीं आ रहा है। युवा,बुजुर्ग, किसान, मजदूर, ग्रामीण, शहरी, छात्र और हर ख़ास-ओ-आम अपने मुख्यमंत्री को मसीहा ऐसे ही नहीं मानने लगा, प्रदेशवासियों के दिलो-दिमाग़ मे छाने वाले कर्मयोगी के पिछले साढ़े चार वर्ष में हर वर्ष चुनौतियों ने तमाम परीक्षाएं लीं। विरोधियों ने सरकार के विकास कार्यों की रफ्तार रोकने के लिए खूब नाकाम कोशिशें कीं। विरोध प्रदर्शनों का मखौटा लगाकर विपक्षी दलों ने प्रदेश को हिंसा में झोंकने की साजिशें रचीं। कानून व्यवस्था को चुनौती देने वाली इस तरह की हर नापाक हरकत को मुंह तोड़ जवाब देकर चुस्त-दुरुस्त सुरक्षा व्यवस्था ने कानून व्यवस्था पर किसी भी तरह की आंच न आने दी।
बदल रही सूबे की छवि
अपराधियों, गुंडों-मवालियों से लेकर आतंकियों, माफियाओं और दुर्दान्त अपराधियों को जेल की सलाखों के पीछे ही नहीं डाला गया बल्कि इनके अवैध निर्माण भी ढाये गये। यूपी की पिछली सरकारों की विरासत लूट, हत्याओं, किडनैपिंग, बलात्कार, भ्रष्टाचार की परंपरा पर काबू पाने के लिए योगी की गुडगवर्नेंस ने सख्त से सख्त कदम उठाए। कड़े फैसलों का नतीजा ये रहा कि जेल मे बंद अपराधियों ने जमानत की अर्जी देना भी मुनासिब नहीं समझा। गुंडे-मवालियों ने या तो ग़ुंडई छोड़ दी या फिर यूपी छोड़ दिया। साम्प्रदायिकता का राक्षस भी पस्त हो गया, पिछली सरकारों में जो सूबा साम्प्रदायिक दंगों के लिए बदनाम था उस कलंक को मौजूदा सरकार की कार्यकुशलता ने धो दिया।कोविड से लड़ने में प्रदेश सरकार के मॉडल को न सिर्फ देश ने सराहा बल्कि दुनिया ने इसकी प्रशंसा की।
भगवान राम का भी रहा आशीर्वाद
योगी की लोकप्रियता और यश इस हद तक ऊंचाइयों पर पंहुचने में भगवान श्री राम का आशीर्वाद भी रहा। रक्षा-सुरक्षा और बेहतर कानून व्यवस्था, दंगे न होना.. योगी सरकार की मुख्य ख़ूबियां हैं, किंतु योगी सरकार में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को हिन्दू समाज सबसे बड़ी खुशकिस्मती मान रहा है। सनातनियों के पुरखों ने सैकड़ों वर्षों पहले से राम जन्म भूमि पर भव्य राम मंदिर का जो सपना देखा था वो योगी राज में साकार हो रहा है। वो भी पूरे सौहार्द और शांति के साथ।
नवेद शिकोह
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