लखनऊ। यूपी के मुजफ्फरनगर में आज किसान बड़ी संख्या में महापंचायत में जुटे हुए है। किसान मोदी सरकार द्वारा लाएग गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे है। इस बीच पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन करते हुए बयान दिया है। वरुण गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मुजफ्फरनगर में लाखों किसान धरना प्रदर्शन में जुटे हैं। वे हमारे अपने खून हैं। हमें उनके साथ सम्मानजनक तरीके से फिर से जुड़ने की जरूरत है। उनके दर्द, उनके नजरिए को समझें और जमीन तक पहुंचने के लिए उनके साथ काम करें।
Lakhs of farmers have gathered in protest today, in Muzaffarnagar. They are our own flesh and blood. We need to start re-engaging with them in a respectful manner: understand their pain, their point of view and work with them in reaching common ground. pic.twitter.com/ZIgg1CGZLn
— Varun Gandhi (@varungandhi80) September 5, 2021
मालूम हो कि वरुण गांधी पहले और इकलौते BJP सांसद हैं, जिन्होंने खुलकर किसानों का समर्थन किया है। इससे पहले भी वरुण गांधी अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ बोलते नजर आए हैं, जिससे पार्टी के लिए असहज स्थिति पैदा हुई है। वरूण गांधी के बयान पर लोग तरह—तरह के आरोप लगा रहे है। इससे पहले भी वरूण गांधी अपने बयानों की वजह से कई बार पार्टी के निशाने पर रहे है।
टिकैत ने भरी हुंकार
केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में मुजफ्फरनगर में रविवार को संयुक्त किसान मोर्चे ने किसान महापंचायत हुई। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत जमकर गरजे। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने पूरे देश को बेच दिया। अब लड़ाई ‘मिशन यूपी’ और ‘मिशन उत्तराखंड’ की नहीं, बल्कि देश को बचाने की है। यह आंदोलन देश के किसानों के बूते लड़ा जाएगा।
आगे राकेश टिकैत ने कहा कि हम वो नहीं हैं, जो झोला उठाकर चल देंगे। मैं किसान हूं और किसान ही रहूंगा। आखिरी दम तक किसानों के साथ रहूंगा। किसानों के हक की लड़ाई के लिए हम हमेशा किसानों के साथ रहे हैं, और मरते दम तक किसानों की लड़ाई लड़ेंगे। बता दें कि इससे पहले आंदोलन में आक्रोशित किसानों ने शहर में लगे सीएम के बड़े-बड़े होर्डिंग को फाड़कर फेंक दिया। इस बीच करीब 2 घंटे इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई।महापंचायत में राकेश टिकैत ने कहा कि अल्लाह हू अकबर और हर-हर महादेव के नारे हमेशा लगते रहे हैं और लगते रहेंगे। हम यहां दंगा नहीं होने देंगे। यह देश हमारा है, यह प्रदेश हमारा है, यह जिला हमारा है। लाल किले पर हमारे लोग नहीं गए। देश में कैमरा और कलम पर बंदूक का पहरा है। आगे भी आंदोलन जारी रहेगा।
टिकैत ने कहा कि पूरे देश का निजीकरण हो रहा है। ऐसे में रोजगार के साधन खत्म हो रहे हैं। यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि नौकरीपेशा, मजदूर, मेहनतकश समेत सभी वर्गों की है। टिकैत ने स्पष्ट कह दिया है कि जब तक कृषि कानून वापस नहीं होंगे, वह दिल्ली के बॉर्डर से नहीं हटेंगे। चाहें हमारी कब्रगाह ही बॉर्डर पर क्यों न बनानी पड़े। इसके लिए सरकार को वोट की चोट देनी होगी। लड़ाई किसानों समेत सभी वर्गों के दम पर लड़ी जाएगी।