क्लीन एयर एक्शन प्लान के ठोस कार्यान्वयन में सिविल सोसाइटी की महत्वपूर्ण भूमिका

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Important role of civil society in concrete implementation of Clean Air Action Plan
सीड द्वारा आयोजित बेबिनार में शामिल

गाजियाबाद। सेंटर फॉर एनवायर मेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) और कॉउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर (सीईईडब्ल्यू) द्वारा संयुक्त रूप से एक वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य शहर के क्लीन एयर एक्शन प्लान (स्वच्छ वायु कार्य योजना) के प्रभावी क्रियान्वयन को मजबूत करने के लिए सिविल सोसाइटी समेत सभी प्रमुख स्टेक होल्डर्स के सामूहिक प्रयासों को एक मंच पर लाना और एनफोर्समेंट एजेंसियों को जवाब देह बनाने पर बल देना था। यह परिचर्चा सीड की एक पहल”क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क”(कैन) के तत्वावधान में आयोजित की गई थी ताकि सभी स्टेक होल्डर्स को पॉल्यूशन हॉटस्पॉट को चिन्हित करने, उठाए गए क़दमों की निगरानी करने और स्वच्छ हवा के लिए रचनात्मक कदम उठाने के लिए सक्षम और जागरूक बनाया जा सके।

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायुकार्य क्रम के तहत मार्च 2019 में गाजियाबाद के लिए स्वच्छ वायु कार्ययोजना तैयार की गई। राष्ट्रीय स्वच्छ वायुकार्य क्रम के दिशा निर्देशों के तहत वर्ष 2024 तक प्रदूषक स्रोतों में 20 से 30 प्रतिशत कमी करने का लक्ष्य रखा गया है। सिटी एक्शन प्लान के तहत संबंधित विभागों और एनफोर्समेंट एजेंसियों को अप्रैल 2019 से इसके क्रियान्वयन के लिए निर्देशित किया गया है, जहां मजबूत और समयबद्ध कार्यान्वयन अपेक्षित परिणाम प्राप्त करने के लिहाज से बेहद जरूरी है।

शहर में वायु गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए सिविल सोसाइटी की अधिकाधिक भागीदारी पर जोर देते हुए सीड में सीनियर प्रोग्राम अफसर अंकिता ज्योति ने कहा कि, “गाजियाबाद के प्लान में जनजागरूकता और कम्युनिटी आउटरीच की बात की गयी है। यह इसलिए भी जरूरी है कि लोगों को योजना निर्माण एवं क्रियान्वयन प्रक्रिया मेंमहत्वपूर्ण भूमिका दी जानी चाहिए। नागरिकों एवं सिविल सोसाइटी का समावेश स्थानीय स्तर पर किसी भी उल्लंघन और खामियों पर ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित करेगा और क्रियान्वयन एजेंसियों को जवाबदेह और जिम्मेदार बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आज की चर्चा ने एक सिटीजन एजेंडा को सुनिश्चित करने की एक दिशा निर्धारित की है ताकि शहर में स्वच्छ आबोहवा स्थापित हो सके।”

शहर में वायुप्रदूषण के प्रमुख स्रोतों के बारे में बताते हुए प्रोफेसर गजाला हबीब, आईआईटी-दिल्ली ने कहाकि “गाजियाबाद में उद्योग, सड़क की धूल और यातायात से निकलने वाला धुंआ प्रमुख कारक हैं, जिनका समुचित समाधान होना बेहद जरूरी है। स्वच्छ हवा के लिए उद्योगों एवं वाहनों से उत्सर्जन को रोकने के लिए एक मजबूत नियामक तंत्र और सख्त अनुपालन प्रणाली पर ठोस प्रगति होनी चाहिए।”

इस मौके पर तनुश्री गांगुली, प्रोग्राम लीड-एयरक़्वालिटी, सीईईडब्ल्यू ने बताया कि “उत्तर प्रदेश के प्रमुख शहरों के लिए बने क्लीन एयर एक्शन प्लान की समीक्षा यह संकेत कर ती है कि गाजियाबाद समेत सभी शहरों के प्लान एक जैसे ही हैं, जबकि अलग-अलग शहरों की विशिष्टता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। गाजियाबाद के प्लान में विविध प्रदूषक स्रोतों के बारे में स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी है। चूंकि विविध प्रदूषण स्रोतों से जुड़े अध्ययन और आकलन की प्रकिया अभी चल रही है, ऐसे में इन निष्कर्षों को समाधानों को प्राथमिकता सूची में रखा जाना चाहिए। इसके अलावा खुले में कूड़ा जलावन, खराब सड़कों से उड़ती धूल और कंस्ट्रक्शन गतिविधियों से फैलते प्रदूषण पर कार्रवाई के लिए समीर एप्प के जरिए लोगों के सक्रिय सहयोग को बढ़ावा देना चाहिए।”

स्वच्छहवा अभियान में क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क (कैन) की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन-वार्ड-83, गाजियाबाद की प्रेसिडेंट श्रीमती राज शर्मा ने कहा कि एक मल्टी-स्टेक होल्डर्स फोरम के रूप में कैन सभी पक्षों को लेकर एक सक्रिय भूमि का निभाने के लिए तैयार है और स्थानीय स्तर पर सरकारी विभागों और एनफोर्समेंट एजेंसियों को क्लीन एयर प्लान के क्रियान्वयन में रचनात्मक मदद प्रदान करेगा।

वेबिनार में गाजियाबाद और समीपवर्ती इलाकों के 40 से अधिक प्रमुख सिविल सोसाइटी संगठनों, नागरिक समूहों, मेडिकल डॉक्टर्स, शिक्षाविदों और अन्य लोगों की भागीदारी देखी गई और सबने एक स्वर से मांग की कि राज्य सरकार को स्वच्छ वायुकार्य योजना के क्रियान्वयन में सिविल सोसाइटी और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने की आवश्यकता है, ताकि सामूहिक प्रयासों से शहर में वायुगुणवत्ता बेहतर हो सके।

 

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