तालिबान अफगान लोगों की सभी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को कुचल देगा : का. प्रभाष घोष

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The main goal of the Talibani culture of religious fanaticism is only power.
अब तालिबानी भारत के पड़ोसी अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा होकर बैठ गए हैं। भारत के लिए ये बड़ी फिक्र की बात है।
एसयूसीआई(कम्युनिस्ट) के महासचिव का. प्रभाष घोष

कोलकाता। अफगानिस्तान के घटनाक्रम पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए एसयूसीआई(कम्युनिस्ट) के महासचिव कामरेड प्रभाष घोष ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि “खुद अमेरिका के भीतर ही गंभीर आर्थिक संकट पैदा होने और अमेरिकी साम्राज्यवाद की युद्ध भड़काने वाली गतिविधियों के खिलाफ अमेरिकी लोगों के गंभीर क्रोध का सामना करने और सबसे भ्रष्ट अलोकप्रिय अमेरिकी कठपुतली अफगान सरकार की रक्षा करने में विफल रहने के कारण अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने तालिबान के साथ एक गुप्त समझौता किया है और इस समय की सबसे प्रतिक्रियावादी इस्लामी कट्टरपंथी ताकतों – तालिबानियों को सत्ता सौंप दी है।

ये वे ताकतें हैं जिन्हें पहले अफ़ग़ानिस्तान में तत्कालीन बढ़ते लोकतांत्रिक आंदोलन को विफल करने के लिए और अपने साम्राज्यवादी हितों की सेवा के लिए स्वयं अमेरिकी साम्राज्यवादियों द्वारा बढ़ावा दिया गया था। यह स्तब्ध करने वाला है कि अमेरिकी साम्राज्यवादियों ने ऐसा करके अफगानिस्तान के स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों को एक घोर मध्ययुगीन ताकत के हाथों में धकेल दिया है जिसका एकमात्र हथियार क्रूर बल का उपयोग करके लोगों को आतंकित करना है।

उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हम यह महसूस करते हैं कि तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा वहां न केवल एक क्रूर मध्ययुगीन इस्लामी शासन स्थापित करेगा जो अफगान लोगों की सभी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं को कुचल देगा, बल्कि विभिन्न देशों में कायम फासीवादी, साम्राज्यवादी, पूंजीवादी शासनों से संरक्षण प्राप्त दुनिया की तमाम धार्मिक कट्टरपंथी ताकतों को बढ़ावा मिलेगा जिसके चलते वे वैज्ञानिक लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष सोच के विकास को बाधित करेंगी ताकि पहले की सशक्त समाजवादी व्यवस्था, मजदूर वर्ग के संघर्षों और साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलनों की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर क्रांतिकारी आंदोलनों को कुचला जा सके।

हमें उम्मीद है कि लोकतांत्रिक विचारों द्वारा निर्देशित अफगानिस्तान की प्रगतिशील लोकतांत्रिक ताकतें उठ खड़ी होंगी और खुद को संगठित करेंगी और अपने देश में क्रांतिकारी आंदोलनों के निर्माण की दृष्टि से प्रतिक्रियावादी तालिबानी शासन को परास्त कर देंगी। उन्होंने दुनिया के सही सोच के लोगों से संकट की इस घड़ी में अफगान के लोगों के साथ खड़े होने का आह्वान किया।

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