भागम-भाग भरी जिंदगी में लोगों को अपनों के लिए समय नहीं है। कि वह उनके लिए कुछ समय निकाल कर बातचीत कर सकें। ऐसे में इमोजी भावनाएं जताने का एक बेहतर माध्यम हैं। इमोजी के आने से जिंदगी पहले से ज्यादा आसान हो गई, सिर्फ एक इमोजी पूरी बात कहने में सक्षम है। जब शब्द कम पड़ जाते हैं तो इमोजी हमारी मदद करते हैं। आज दुनिया इमोजी के बिना अधूरी सी लगती है।
दुनियाभर में आज विश्व इमोजी दिवस (World Emoji Day) के रूप में मनाया जा रहा है। जिसकी शुरुआत ऑस्ट्रेलिया के जेरेमी बर्ज ने 2014 में की थी। तब से लेकर अब तक हर साल 17 जुलाई को वर्ल्ड इमोजी डे के तौर पर मनाया जाता है।आज इमोजी हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन गया है, चैट से लेकर, व्हाट्सऐप स्टेट्स, मैसेज, ट्वीट और फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इसके बिना अधूरे से है। ‘इमोजी’ जपानी भाषा के शब्द इ (पिक्चर) और मोजी (पात्र) से मिलकर बना है।
जापान में इमोजी की शुरूआत सबसे पहले 90 के दशक में हुई थी तब जापानी मोबाइल फोन पर इमोजी दिखाई दिए थे और धीरे-धीरे यह पूरी दुनिया में फैल गया। 2010 के बाद इमोजी का इस्तेमाल तेजी से होता गया और अब उनका उपयोग वेबसाइट और एप्स में किया जाने लगा है। एक सर्वे के अनुसार भारत के लोग सबसे अधिक खुशी के आंसू और ‘ब्लोइंग अ किस’ इमोजी का उपयोग करते हैं। जिस इस्माइली फेस का आज सबसे अधिक इस्तेमाल होता है उसे अमेरिका के हार्वी रोस बॉल ने बनाया था। इमोजी की बढ़ती लोकप्रियता ने इसे हर प्लेफॉर्म्स पर उपलब्ध करा दिया है।