नई दिल्ली: रूस-यूक्रेन संकट का दिखा असर, खाद्य तेलों के दामों में आया उछाल

277
रूस—यूक्रेन संकट का असर अब भारत में भी दिखने लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संकट की वजह से दिल्ली में रसोई का बजट बढ़ा हुआ है। बताया गया कि यूक्रेन संकट से घरेलू बाजार में सूरजमुखी ऑयल की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है।

नई दिल्ली। रूस—यूक्रेन संकट का असर अब भारत में भी दिखने लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस संकट की वजह से दिल्ली में रसोई का बजट बढ़ा हुआ है। बताया गया कि यूक्रेन संकट से घरेलू बाजार में सूरजमुखी ऑयल की सप्लाई प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। मिली जानकारी के मुताबिक कुल खाद्य तेल में 8 प्रतिशत की भागीदारी सूरजमुखी तेल की है। इससे सूरजमुखी के तेल की कीमत बढ़ेगी और अन्य खाद्य तेल पर भी इसका असर पड़ सकता है।

इधर बताया जा रहा है कि सरसों के तेल की बात करें तो इस बार सरसों की पैदावार बेहतर हुई है। लिहाजा अन्य खाद्य तेल के भाव में बढ़ोत्तरी को यह तेल कम कर सकता है। मीडिया रिपोर्टृस के मुताबिक बीते तीन दिनों में थोक भाव में इस प्रकार वृद्धि हुई है— सनफ्लावर 135 से बढ़कर 156 रुपये प्रति किलो,सरसों तेल 150 से बढ़कर 160 रुपये प्रति किलो,सोयाबीन तेल 133 से बढ़कर 153 रुपये प्रति किलो,पामोलिव 130 से बढ़कर 151 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है।

जताई जा रही ये उम्मीद

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक युद्ध शुरू होने के साथ ही खाद्य तेल में उछाल जरूर आया था। आशंका थी कि कहीं ये तीसरे महायुद्ध में ना तब्दील हो जाए। इसकी संभावना जब बाजार में नहीं दिख रही, ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि सोमवार से खाद्य तेल के भाव में स्थिरता आ जाएगी। हेमंत गुप्ता, महामंत्री दिल्ली वेजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय मार्केट पर ही वेजिटेबल ऑयल का भाव बढ़ता-घटता रहता है।

बीते तीन दिनों में अचानक से खाद्य तेल की कीमत में जरूर इजाफा हुआ। मगर सोमवार से तेजी कम हो जाएगी। सरसों का फसल बेहतर होने से आने वाले दिनों में भी बहुत ज्यादा तेल की कीमत बढ़ने की उम्मीद नहीं है। इधर दिल्ली वेजिटेबल ऑयल एसोसिएशन के महासचिव सतीश बब्बर के मुताबिक यूक्रेन की वजह से पिछले चार दिनों से तेल की कीमत में बढ़ोत्तरी हुई है।

उनके मुताबिक सूरजमुखी, सोयाबीन, पामोलीन समेत अन्य वेजिटेबल ऑयल प्रति लीटर थोक भाव में 20-25 रुपये की तेजी रही। बताया कि अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भाव की कमी होने से जल्द ही भाव स्थिर होंगे। सरसो का तेल बहुत अधिक तेजी को रोक लेगा।

ये भी जानिए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में 210-215 लाख टन खाद्य तेल की खपत हर साल होती है। इसमें 150 लाख टन खाद्य तेल विदेशों से आयात होता है। इसमें 20 लाख टन सूरजमुखी तेल यूक्रेन से आता है। कुल आयात का 8 प्रतिशत। पाम ऑयल मलेसिया व इंडोनेसिया से आता है। सोयाबीन ऑयल अर्जेटिना व अमेरिका से आता है। वेजिटेबल ऑयल का सबसे बड़ा खरीदार चीन है। युद्ध के कारण भारत को कम तेल मिला। इस साल सरसों की फसल पिछले साल से 40 प्रतिशत अधिक है।

इसे भी पढ़ें..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here