कुशीनगर हादसा: आक्रोशित ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम, बोले- समय से आती एंबुलेंस तो बच जाती कई की जान

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Kushinagar accident: Angry villagers blocked the highway, said - if an ambulance arrived on time, many lives would have been saved
ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह नेशनल हाईवे 28 बी को बंद कर चक्का जाम कर दिया।- फोटो सोशल मीडिया

कुशीनगर। यूपी के कुशीनगर में बुधवार देर रात हुए हादसे में 13 लोगों की मौत के बाद गांव में गम और दुख का माहौल है। वही इस घटना के बाद सूचना देने के बाद भी देर से पहुंची एंबुलेस पर ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने हाईवे पर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि यदि समय एंबुलेंस पहुंच जाती तो कई लोगों की जान बच जाती।

ग्रामीणों ने हाईवे किया जाम

इस बात से नाराज होकर ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह नेशनल हाईवे 28 बी को बंद कर चक्का जाम कर दिया। ग्रामीण व परिजन समय पर एंबुलेंस नहीं आने और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाकर मुआवजे की मांग करने लगे। एक घंटे बाद सांसद विजय कुमार दुबे व ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि शेषनाथ यादव ने परिजनों को समझा बुझाकर लोगों का गुस्सा शांत करवाकर जाम को खत्म करवाया।

हल्दी की रस्म के दौरान हुआ हादसा

नौरंगिया गांव के स्कूल टोला निवासी परमेश्वर कुशवाहा के बेटे अमित कुशवाहा के विवाह से पहले बुधवार देर रात हल्दी की रस्म अदा की जा रही थी। घर से करीब 100 मीटर दूर स्थित कुएं के सामने मटकोड़ (विवाह के पहले की रस्म) का कार्यक्रम चल रहा था।

जिस कुएं के पास कार्यक्रम चल रहा था, उसे आरसीसी स्लैब बनाकर बंद किया गया था। रस्म के दौरान बड़ी संख्या में महिला, युवती व बच्चियां कुएं पर बने स्लैब पर जाकर खड़े हो गए। स्लैब अचानक टूट गया और उसपर खड़ी महिला, युवतियां व बच्चियां कुएं में समा गईं। कुआं काफी गहरा है। पानी भी भरा था। इस घटना के बाद चीख-पुकार मच गई।

आसपास के लोगों ने राहत-बचाव शुरू किया, साथ ही एंबुलेंस को बुलाने के लिए फोन मिलाया गया लेकिन उनके आने में दो घंटे से अधिक का समय लग गया। वहीं अंधेरा होने की वजह से स्थानीय लोगों को भी कोई खास सफलता नहीं मिल सकी। इस बीच किसी व्यक्ति ने घटना की सूचना पुलिस को दी। दल-बल के साथ आए पुलिसकर्मियों ने राहत-बचाव कार्य तेज किया।

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