प्रयागराज। यूपी लोक सेवा आयोग (UPSC) ने सरकारी कॉलेजों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए फिर से आवेदन मंगाए गए। इस बार भर्ती नियमों में संशोधन किया गया है। राजकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 128 पदों के लिए फिर से आवेदन मांगे हैं। अब स्नातक में किसी भी श्रेणी से पास अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं। पूर्व में आयोग की ओर से 24 नवंबर 2020 को पहली बार जारी विज्ञापन में उन्हीं अभ्यर्थियों को मौका दिया गया था जिनके स्नातक में प्राप्तांक न्यूनतम द्वितीय श्रेणी के हों। इसके बाद विवाद बढ़ गया।
नियम में संशोधन के लिए एक अभ्यर्थी गोपाल सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका कर दी। उनका कहना था कि यह विज्ञापन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइन के अनुरूप नहीं है। इस पर सरकार ने हाईकोर्ट को बताया कि यूजीसी ने 18 जुलाई 2018 को भर्ती नियमों में संशोधन किया था। जिसे 29 जून 2019 को नियमावली में शामिल कर लिया गया। आयोग की ओर से जारी विज्ञापन में संशोधन नहीं हो सका था, लिहाजा फिर से आवेदन मांगे हैं। वही अभ्यर्थी फॉर्म भर सकते हैं जो 24 नवंबर 2020 को जारी विज्ञापन में आयु एवं अर्हता संबंधी अन्य शर्तें पूरी करते हों।
28 फरवरी तक करें आवेदन
ऐसे अभ्यर्थी 28 फरवरी तक ऑनलाइन फीस जमा करते हुए तीन मार्च तक आवेदन कर सकते हैं, ऐसे में आयोग ने इस संशोधन के बाद भी पुराने भर्ती नियमों के आधार पर ही विज्ञापन जारी कर दिया था। आयोग ने अब शुद्धिपत्र जारी किया है, जिसके अनुसार शैक्षिक अर्हता के तहत अब स्नातक उपाधि में न्यूनतम द्वितीय श्रेणी प्राप्तांक को लागू किए जाने की अनिवार्यता को हटा दिया गया है। ऐसे में अब किसी भी श्रेणी में स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी अन्य शैक्षिक अर्हताएं पूरी करने पर असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे, जो अभ्यर्थी पूर्व में विज्ञापन की शर्तों को पूरा नहीं कर रहे थे और शुद्धिपत्र जारी होने के बाद अर्ह हो गए हैं, वह पुन: शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे।
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