अयोध्या में राम के नाम पर मची लूट पर भड़की भाकपा, पीएम मोदी से पूछे सवाल, उठाई ये मांग

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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल डॉ. गिरीश ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टौलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है और उसके भ्रष्टाचार के आगोश में राम मन्दिर परिसर तक आ गया है।

लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल डॉ. गिरीश ने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार पर जीरो टौलरेंस की बात करने वाली भाजपा सरकार आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है और उसके भ्रष्टाचार के आगोश में राम मन्दिर परिसर तक आ गया है। उनके मुताबिक सच तो यह है कि अयोध्या में राम के नाम पर लूट मची है,

और गरीबों को उजाड़ कर संघी और उनके पोषित लोग ज़मीनें हड़प रहे हैं। डॉ. गिरीश ने आस्था का कार्पोरेटीकरण और चुनावीकरण कर दिया है। भाजपा के मन्दिर निर्माण के केन्द्र में श्री राम के संघर्षों के साथियों के वंशज दलित, पिछड़े,आदिवासी नहीं हैं अपितु अधिकारी व्यापारी माफिया और कारपोरेट घराने हैं।

सर्वोच्च न्यायालय की देख रेख में हो जांच

उन्होंने कहा कि भाकपा ने अयोध्या में राम नाम पर चल रही लूट की सर्वोच्च न्यायालय की देख रेख में जांच करने की मांग की है। डॉ. गिरीश ने बताया कि ऐसा इसीलिए जरूरी है कि मन्दिर निर्माण ट्रस्ट का गठन सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देशों के आधार पर हुआ है।

बताया गया कि उत्तर प्रदेश के चुनावों में भाजपा अयोध्या के विकास और वहां बन रहे राम मंदिर को प्रमुख मुद्दा बना रही थी, लेकिन वह अब मंदिर के नाम पर ज़मीन घोटाले के आरोपों में बुरी तरह फंस गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जब रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में फ़ैसला दिया और मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ,

तो वहां विधायकों, मेयर, आयुक्त, एसडीएम और डीआईजी के रिश्तेदारों ने अयोध्या में तमाम ज़मीनें खरीद डाली हैं।

यूं हुई जमीनों की लूट

खबर है कि ये ज़मीनें महंगे दामों में खरीदी गई हैं। उनके मुताबिक महर्षि रामायण विद्यापीठ ट्रस्ट ने 1990 के दशक की शुरुआत में, राम मंदिर स्थल से 5 किलोमीटर से भी कम दूरी पर बरहटा मांझा गांव और अयोध्या में आसपास के कुछ अन्य गांवों में बड़े पैमाने पर ज़मीन का अधिग्रहण किया था।

इस ज़मीन में से लगभग 21 बीघा जमीन दलितों से नियमों का उल्लंघन करते हुए ख़रीदी गई थी। इस ख़बर के सामने आने के बाद योगी सरकार ने अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह के नेतृत्व में जांच बैठाई है। विशेष सचिव राजस्व ज़मीन खरीद मामले को लेकर जांच करेंगे और शासन को एक हफ्ते में रिपोर्ट सौंप देंगे।

उन्होंने कहा कि भाकपा सहित विपक्षी दलों द्वारा उठाई गयी सशक्त आवाज के बाद सरकार ने लीपापोती के उद्देश्य से शासकीय जांच बैठायी है।

जवाब दें पीएम मोदी

यह सरकार की स्वीकारोक्ति है कि भ्रष्टाचार हुआ है। डॉ. गिरीश ने कहा कि भाकपा मांग करती है कि अपने भाषणों में मन्दिर मन्दिर रटने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘चंदे की लूट’ और ‘ज़मीन की लूट’ पर जवाब देना चाहिए और पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय और विश्वसनीय जांच करानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस तरह ज़मीनों की ख़रीद-फ़रोख़्त में गड़बड़ी उजागर हुई है, उससे सिद्ध हो गया है कि भाजपा राम के नाम पर लूट मचाये हुये है। राफेल लड़ाकू विमान खरीद से लेकर अयोध्या काशी तक भ्रष्टाचार का यह मायाजाल पसरा पड़ा है। कहा कि इस पर तभी लगाम लगेगी जब उच्चस्तरीय जांच के बाद दोषी जेल जाएंगे।

आगे उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से ये उम्मीद नहीं की जा सकती कि वह अपने पिटारे में बैठे भ्रष्टाचारियों पर बुलडोजर चलाएगी।

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