लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नगराम के भौराकला गांव के पास इंदिरा नहर में शुक्रवार शाम चार बजे को एक कार अनियंत्रित होकर गिर गई। इस हादसे में तीन साल की मासूम साहित चार लोगों की डूबने से की मौत हो गई, वहीं दो बच्चे अभी भी लापता है। मृतकों में रुपा देवी (50), संगीता (32), रुपेश मिश्रा (14), चाहत (5) का शव नहर से बाहर निकाल दिया गया है।
वहीं रूद्रा (3) और अनन्या (7) पानी के तेज बहाव में बह गई, जबकि तीन लोगों को सुरक्षित निकाला गया।पुलिस व एसडीआरएफ राहत कार्य में जुटे हैं। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार हादसे का शिकार परिवार पीलीभीत के मैनी गांव का रहने वाला था। सभी कार से अचली खेड़ा स्थित रिटायर आईएएस विजय शंकर पांडेय के फार्म हाउस पर जा रहे थे। जहां कार सवार के रिश्तेदार काम करते है। पुलिस के मुताबिक देर शाम तक क्रेन लगाकर कार को बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा था।
नाना से मिलने जा रहे थे बच्चे
एडीसीपी दक्षिणी राजेश श्रीवास्तव बताया कि सुल्तानपुर के कोड़वार राजापुर गांव निवासी गंगा प्रसाद मिश्रा रिटायर आईएएस विजय शंकर पांडेय के फार्म हाउस पर काम करते है। गंगा की बेटी संगीता की शादी पीलीभीत के विलसंडा के मैनी गांव निवासी रामरतन मिश्रा के बेटे रामपाल से हुई थी। शुक्रवार को संगीता अपने पिता गंगा प्रसाद से मिलने के लिए पीलीभीत से चली।
उसके साथ सास रुपा देवी, बेटा रूद्रा, बेटी चाहत और अनन्या, भतीजा रुपेश, रिश्तेदार गोवर्धन, कपिल और चालक कुलदीप थे। कार से निकले लोग करीब चार बजे नगराम के भौराकला गांव के पास पहुंचे। जहां रास्ता खराब होने केकारण नहर की पटरी पर कार चली गई। अचानक कार बेकाबू होकर नहर में गिर गई। इसके बाद किसी तरह कार चालक कुलदीप और गोवर्धन बाहर निकल गए।
घटनास्थाल पर पहुंचे ग्रामीण
जिस समय यह हादसा हुआ उस समय खेतों में मजदूर काम कर रहे थे । कार जैसे ही नहर में अनियंत्रित होकर गिरी तो ग्रामीणों की नजर तुरंत पड़ गई। ग्रामीण भागते हुए घटनास्थल पर पहुंचे। नहर में डूब रहे कपिल को ग्रामीणों ने बचा लिया। वहीं अन्य की तलाश शुरू की। इस बीच चालक ने इसकी सूचना गंगा प्रसाद व पुलिस को दी। कुछ देर में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। वहां राहत कार्य शुरू किया। तत्काल गोताखोरों को बुलाया गया।
नहर में कार गिरने की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचने लगे। एसीपी मोहनलालगंज दिलीप सिंह, एडीसीपी दक्षिणी राजेश श्रीवास्तव, गोसाईंगंज व मोहनलालगंज थाने की पुलिस टीम भी पहुंच गई। एडीसीपी दक्षिणी के नेतृत्व में राहत कार्य शुरू किया गया। शाम करीब 6.20 बजे पुलिस ने क्रेन की मदद से कार को नहर से बाहर निकाला। कार को जैसे खोला गया तो अंदर रुपा देवी, संगीता, रुपेश और चाहत का शव पड़ा मिला। सभी कार की पिछली सीट पर मृत पाये गए। पुलिस ने पंचानामें की कार्रवाई के बाद शवों को कब्जे में लेकर पीएम के लिए सुरक्षित भिजवा दिया।
नहर के बहाव में दूर तक बही कार
इस समय नहर में पानी का बहाव काफी तेज चल रहा है। कार नहर में गिरने के बाद करीब दो सौ मीटर दूर अचलीखेड़ा की तरफ बह गई थी। कार को तलाश करने में दो घंटे लग गए, किसी तरह कार को बाहर निकाला गया। पुलिस को आशंका है कि नहर में डूबने के समय कुलदीप व गोवर्धन के बाहर निकालते समय दरवाजा खुल गया था। जिससे कपिल बाहर आ गया। वहीं अनन्या व रूद्रा बाहर निकलकर दूर बह गए। पुलिस व एडीआरएफ के गोताखोर दोनों मासूमों की तलाश कर रहे है। अंधेरा होने के कारण कुछ देर तक राहत कार्य रूक गया था। हालांकि लाइट का प्रबंध कर लिया गया है। जिसके बाद राहत कार्य फिर से शुरू कर दिया गया है।
तीन घंटे देर से पहुंची क्रेन, हंगामा
हादसे की सूचना मिलने के बाद पुलिस की लापरवाही के चलते क्रेन करीब तीन घंटे बाद मौके पर पहुंची। इसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश था। ग्रामीणों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा शुरू कर दिया। बवाल बढ़ता देख पुलिस अधिकारियों ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत कराया। इसके बाद रेस्क्यू शुरू हुआ।
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