वाराणसी। यूपी विधानसभा चुनाव में जिन्ना का जिन्न का हावी होता जा रहा है। मुस्लमानों को अपने पक्ष में करने के लिए सपा प्रमुख द्वारा पाकिस्ताान के संस्थापक रहे जिन्ना को लेकर दिया गया बयान शांत नहीं होता जा रहा है। अब अखिलेश के सााि ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश के बयान को आगे बढ़ाते हुए बयान दिया कि अगर जिन्ना देश के प्रधानमंत्री बने होते तो देश का बंटवारा नहीं होता। मालूम हो कि सपा और सुभासपा मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे है।
बुधवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि अगर जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया होता तो देश का बंटवारा नहीं हुआ होता।
अखिलेश जिन्ना पर दिया था बयान
आपकों बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना पर दिए गए बयान के बाद यूपी में विवाद बढ़ गया है। 31 अक्तूबर को अखिलेश ने हरदोई जिले में एक आयोजित जनसभा कहा था कि सरदार पटेल, जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी और जिन्ना ने मिलकर आजादी की लड़ाई लड़ी और देश को स्वतंत्र करवाया।
इसी बयान को लेकर ओमप्रकाश राजभर से पूछा गया था, तो उन्होंने कहा कि अगर जिन्ना भारत के प्रधानमंत्री होते तो देश के दो टुकड़े न होते। सुभासपा अध्यक्ष ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर लालकृष्ण आडवाणी तक जिन्ना की तारीफ किया करते थे, इसलिए उनके विचारों को भी पढ़िए।मालूम हो कि कुछ सप्ताह पहले ओमप्रकाश राजभर और अखिलेश यादव ने एलान किया था कि वह अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को एक साथ लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने गठबंधन की जीत का दावा किया था।
भाजपा ने साधा था निशाना
अखिलेश के बयान के बाद यूपी के संसदीय कार्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में सपा प्रमुख के बयान पर कहा है कि अखिलेश यादव को अपना नार्को टेस्ट कराना चाहिए। इससे पहले मंत्री ने कहा था कि अखिलेश यादव को आईएसआई से संरक्षण और सुझाव मिल रहे हैं। उसके इशारे पर ही वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।
मायावती ने किया ट्वीट
अखिलेश के बयान के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि सपा मुखिया द्वारा जिन्ना को लेकर कल हरदोई में दिया गया बयान व उसे लपक कर भाजपा की प्रतिक्रिया यह इन दोनों पार्टियों की अंदरूनी मिली भगत व इनकी सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है जिससे कि यूपी विधानसभा चुनाव में माहौल को किसी भी प्रकार से हिन्दू-मुस्लिम करके खराब किया जाए।
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