लखनऊ। अखिलेश यादव की पार्टी ने कांग्रेस को यूपी लोकसभा चुनाव में पूरा सम्मान दिया, लेकिन कांग्रेस ने पहले एमपी में अब हरियाणा में सपा को दगा दिया, जिससे सपाइयों में नाखुश है। बता दें कि केंद्रीय कमेटी सपा को कुछ सीट देने के पक्ष में थी, लेकिन प्रदेश स्तर के नेताओं ने एक भी सीट नहीं छोड़ी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सोमवार को इस मुददे पर अपनी बात खुलकर रखी । उन्होंने कहा कि सपा ने पहले हरियाणा में 17 सीटें मांगी थी । ज्यादा बताने पर पार्टी ने 11 सीटों पर लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। फिर पार्टी 5 सीटों पर भी लड़ने को तैयार हो गयी मगर उनको भी कांग्रेस द्वारा ज्यादा बताने पर समाजवादी पार्टी मात्र 3 सीटों पर लड़ने के लिए सहमत हो गयी थी। मगर कांग्रेस पार्टी ने गठबंधन धर्म को ना निभाते हुए समाजवादी पार्टी के लिए कोई सीट नहीं छोड़ी। इसलिए सपा को गठबंधन से अलग होना पड़ा।
हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर सपा अपने प्रत्याशी खुद देगी या किसी का सहयोग करेगी यह बात साफ हो गई है। समाजवादी पार्टी हरियाणा प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों का समर्थन व सहयोग करेगी। यह ऐलान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह भाटी एडवोकेट ने किया है।
कांग्रैस के व्यवहार से सपा में नाराजगी
कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने सपा सुप्रीमों अखिलेश यादव को व्हाट्सअप मैसेज भेज कर सीटें देने की सूचना दी थी जिसे पार्टी ने गंभीरता से लिया है और कांग्रेस के इस व्यवहार से खुश नहीं है। फिर भी समाजवादी पार्टी अपने मूल्यों व सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवारों को सहयोग व समर्थन करेगी क्योंकि पार्टी नहीं चाहती कि सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ वोटों का बिखराब हो।पार्टी भाजपा को प्रदेश व देश से उखाड़ने के लिए दृढ संकल्पित है और उस उद्देश्य को हासिल करने के लिए ऐसा करना आवश्यक समझती है। यह फैसला समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जी के निर्देश पार लिया गया है।
जम्मू प्रचार करने जाएंगे अखिलेश
अखिलेश यादव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर का पार्टी संगठन चुनाव प्रचार के लिए बुलाएगा तो वहां एंगे। उनका नाम प्रचारकों क लिस्ट में भी शामिल है। लेकिन, हरियाणा में चुनाव प्रचार के है लिए जाने के सवाल पर कुबछ नहीं बोले। बता दें कि जम्मू कश्मीर में सपा ने अपने प्रत्याशी उतारे हैं। क्या वहां पर वोटों का बंटवारा नहीं होगा। यहां सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि अखिलेश यादव कांग्रेस को तो पूरा सम्मान दे रहे है, लेकिन कांग्रेस जहां मजबूत है वहां पर वह सपा को घास नहीं डाल रही है, जैसे एमपी में सपा के साथ किया, ठीक वैसे ही हरियाणा में किया हाईकमान के आदेश के बाद भी सपा के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी।
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