लखनऊ। उप्र रोडवेज संविदा कर्मचारी संघ के नेतृत्व में बर्खास्त संविदा चालकों व परिचालकों ने लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश राज्य परिवहन निगम मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंप कर बहाली की मांग किया।अध्यक्ष होमेंद कुमार मिश्रा ने कहा कि निराधार आरोपों के आधार पर जिन परिचालकों की संविदा समाप्त कर दी गयी है. उनकी बहाली के लिये स्थित एक विशाल शांतिपूर्ण धरना दिया गया है।
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में यह भी कहना है कि इन परिचालकों की संविदा मनमाने तरीके से खत्म की गयी थी और एक अविधिक आर्चीट्रेशन का गठन करके इन परिचालकों के खिलाफ फैसला करवाके उनसे रोजगार छीन लिया गया। माननीय उच्च न्यायालय ने भी अपने एक फैसले में विभागीय आबीट्रेशन को अविधिक घोषित करके एक निष्पक्ष आर्वीट्रेशन गठित करने का आदेश पारित किया था। लेकिन विभाग इस पर टाल-मटोल कर रहा है।
महामंत्री सन्तोष शुक्ला ने कहा कि परिचालकों की संविदा बहाली के लिये संघ द्वारा लगातार पत्राचार किया जा रहा है, लेकिन आज तक बहाली नहीं की गयी। बाध्य होकर संघ की ओर 12 जुलाई, 2024 को विभाग को धरने की नोटिस दी गयी और अपनी मांगों के समर्थन में संघ के नेतृत्व धरना दिया गया।
प्रमुख मांगे
1. यह कि सभी बर्खास्त संविदाकर्मी लम्बे समय से निगम में कार्यरत थे। इनमें से अधिकांश की आय एवं लोड फैक्टर सामान्य से काफी अच्छा रहा था। इनके कार्यों से निगम की काफी लाभ भी होता था। फिर भी सुनवाई न कर इनके साथ न्याय नहीं किया गया। छोटे-छोटे आरोपों को आधार बनाकर इन्हें सेवा से पदच्युत कर दिया गया।
2. परिवहन निगम मुख्यालय पत्र सं०-5233/सीईएनटी/07 दिनांक 19 सितम्बर, 2007 (प्रति संलग्न) द्वारा प्रबन्धक निदेशक महोदय ने संविदाकर्मियों के समस्याओं के समाधान की एक पूरी व्यवस्था तय की थी लेकिन हम लोगों के संदर्भ में इस व्यवस्था का अनुपालन नहीं किया गया और सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक के स्तर पर हमारी संविदा समाप्त करने का आदेश कर दिया गया।
3. इसी सदर्भ में मा० विधान परिषद सदस्य श्री सुभाष चन्द्र शर्मा जी द्वारा सदन में पूछे गये प्रश्न के जवाब में तत्कालीन मा० परिवहन मंत्री जी द्वारा यह उत्तर दिया गया था कि सम्बन्धित परिचालक के विरूद्ध आर्थिक दण्ड लेकर प्रकरण का निस्तारण किया गया। इस आधार पर कई परिचालकों की संविदा बहाल हुई (आदेश की प्रति संलग्न) लेकिन हम अधिकांश परिचालकों को इसका लाभ नहीं मिला। नियमों के होते हुए भी लम्बे समय से हम परिचालकों की संविदा बहाली नहीं हो पाई है।
4. आज परिवार सहित हम सब संविदा परिचालक आर्थिक एवं मानसिक उत्पीड़न झेल रहे है। पूर्व में कई लोगों ने आत्महत्या भी कर ली है। हम सबने वर्षों तक विभाग की सेवा की और अब इस उम्र में हम सबके पास नौकरी का दूसर विकल्प भी नहीं है। सन् 2014 में न्यायालय द्वारा चालक/परिचालक की भर्ती पर रोक लगाया गया था फिर भी विभाग द्वारा वाह्य स्रोतों से भर्ती की जा रही है. जिसे तत्काल प्रभाव से भर्ती को रोका जाये
5. परिवहन निगम द्वारा आर्बिटेशन एक्ट के तहत क्षेत्रीय प्रबन्धक स्तर पर आर्बिटेशन एक्ट का उल्लंघन करते हुये मनमाने ढंग से चालकों एवं परिचालकों के विरूद्ध एक पक्षीय निर्णय लिया जा रहा है। इसको तत्काल प्रभाव से रोक कर पूर्व में निकाले गये सभी भूतपूर्व चालकों एवं परिचालकों एक नवीन अवसर देकर बहाल किया जाये।
6. इस संदर्भ में यह निवेदन है कि जिन परिचालकों को झूठे आरोपों के आधार पर संविदा समाप्त की गयी थी और अविधिक तरीके से गठित आर्बोट्रेशन के द्वारा इन परिचालकों के खिलाफ निर्णय कराया गया था. ऐसे सभी परिचालकों की सुरक्षा राशि वापस की जाय। इस बात की भी निष्पक्ष जांच की जाय कि सुरक्षा राशि के मद में जमा राशि को कैसे व्यय किया गया।
7. जिन परिचालकों की संविदा समाप्त की गयी थी उनमें से कई लोगों का मृतक आश्रित कोटे के तहत स्थाई मर्ती कर ली गयीं। जबकि इन्हीं निराधार आरोपों के आधार पर बाकी संविदा परिचालकों की संविदा बहाली से इंकार कर दिया गया है। ऐसा भेदभाव किस नियम के तहत किया गया है।
अध्यक्ष होमेंद कुमार मिश्रा ने बताया कि अगर उक्त तिथि 05 अगस्त 2024 तक हमारी मांग नहीं पूरी होती है तो हम लोग अनिश्चित कालीन धरने के लिए बाध्य होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी निगम प्रबन्धन एवं शासन प्रशासन की होगी।
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