पशुधन मंत्री अपने क्षेत्र में ही छुट्टा पशु की समस्या नहीं कर सके खत्म्, किसानों की नाराजगी बनी हार की वजह

बरेली: प्रदेश में भाजपा की सीटें कम होने और सपा की सीटें बढ़ने को लेकर सोशल मीडिया पर भाजपा और सपा समर्थक जमकर एक दूसरे पर भड़ास निकाल रहे हैं। जहां एक ओर भाजपाई गलतियों को मानने के लिए मजबूर हैं तो वहीं सपाई आगामी विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। एक युवक ने लिखा मोदी जी के नाम पर सांसद और विधायक कब तक जीतते रहेंगें, जो भी काम बताता है तो मोदी जी के काम गिना जाता है।

अपना काम बताता ही नहीं हैं। दूसरे ने कहा भाजपा को मनमाफिक सीटें न मिलने का प्रमुख कारण छुट्टा गोवंशीय पशु हैं। पशुधन मंत्री कई बार तिथि की घोषणा कर गोवंशीय पशुओं को गोशालाओं में भिजवाने की बात कह चुके है। जो कि झूठी साबित हुई। सड़कों से लेकर खेत तक गोवंशीय पशुओं के झुंड घूम रहे हैं, किसान परेशान है। पशुधन मंत्री प्रति गोवंशीय पशु पर 50 रुपये देने की बात कहते है। जबकि अभी तक एक भी पशु पालक को रुपये मिलने की बात सामने नहीं आई है।

किसान पशु छोड़ने को मजबूर

गोवंशीय पशु की बिक्री नहीं हो रही है, खिलाने के लिए खेत में चारा होने से पहले ही छुट्टा पशु खा जाते है। किसान अपने पशुओं को छोड़ेगा नहीं तो क्या अपने खूंटे पर भूखा मारेगा। पशुधन मंत्री ने छुट्टा पशुओं की समस्या का कोई स्थाई समाधान नहीं किया, इसलिए किसानों ने मजबूरी में सपा को वोट दिया है। वहीं तीसरे ने कहा कि सरकार मुफ्त अनाज देने की बात करती है। जबकि उससे भी किसानों को नुकसान हो रहा है।

Livestock Minister could not end the problem of stray animals in his own area, farmers' displeasure became the reason for the defeat.
भाजपा नेतृत्व धरातल को न देखकर उच्च अधिकारियों के भरोसे चल रहा है।

 

मुफ्त राशन मिलने से गांव के मजदूर काम करने से परहेज करने लगे हैं। इससे खेती के कामों के लिए मजदूर मिलना कठिन हो गया है। एक युवक ने कहा कि भाजपा नेतृत्व ने कभी भी जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को कभी नहीं सुना। अधिकारियों के भरोसे सरकार चला रहे हैं। मायावती मुख्यमंत्री थीं तो उनके औचक निरीक्षण में कई अधिकारियों पर कार्रवाई होती थी। अधिकारी राइट टाइम काम करते थे।

प्रत्याशी चयन पर उठे सवाल

परंतु भाजपा नेतृत्व धरातल को न देखकर उच्च अधिकारियों के भरोसे चल रहा है। जो कि उसके लिए घातक साबित हुआ है। एक भाजपा समर्थक ने कहा कि भाजपा जनप्रतिनिधि पुराने और वफादार कार्यकर्ताओं के स्थान पर दूसरे दलों से आये चाटुकारों को सम्मान और उनकी ही सुनते हैं। इससे वफादारों ने मेहनत करने से अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं। यही कारण है भाजपा को यह दिन देखना पड़ा है।कई समर्थक भाजपा प्रत्याशियों के चयन पर भी सवाल उठाते रहे।

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