बिजनेस डेस्क। होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया ने लखनऊ शहर में एक और प्रभावशाली जागरुकता अभियान के साथ सड़क सुरक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की है। बाल निकुंज इंटर कॉलेज के परिसर में एचएमएसआई ने एक और उपलब्धि हासिल की जहां 2200 से अधिक स्कूली छात्रों एवं स्टाफ के सदस्यों ने सक्रियता के साथ हिस्सा लिया। सड़क सुरक्षा अभियान में कई रोचक गतिविधियों जैसे सेफ्टी राइडिंग थ्योरी सैशन, खतरे का अनुमान लगाने के लिए प्रशिक्षण, सड़क सुरक्षा क्विज़, हेलमेट पर जागरुकता और राइडिंग ट्रेनर सैशन का आयोजन किया गया, इन गतिविधयों ने पूरे अभियान के दौरान प्रतिभागियों को सक्रियता के साथ जोड़े रखा।
सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान
एचएमएसआई हर व्यक्ति की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इसी प्रतिबद्धता के साथ, एचएमएसआई देश के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रियता के साथ सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियानों का आयोजन करती रही है और लोगों को ड्राइविंग की सुरक्षित प्रथाओं के बारे में ज़रूरी जानकारी और मार्गदर्शन प्रदान करती रही है। लखनऊ इस पहल के लिए नया स्टॉप है, जहां एचएमएसआई ने समुदाय को ज़रूरी ज्ञान एवं कौशल के साथ सशक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।
सड़क हादसों को रोकना लक्ष्य
एचएमएसआई बाल निकुंज इंटर कॉलेज के अधिकारियों के प्रति आभारी है, जिन्होंने इस महत्वपूर्ण पहल के आयोजन के लिए अपना सहयोग दिया। एक साथ मिलकर हम सड़कों पर सुरक्षित माहौल बनाने तथा दुर्घटनाओं एवं चोटों को कम करने की दिशा में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। अपनी शुरूआत के बाद से एचएमएसआई सड़क के ज़िम्मेदाराना उपयोग और सुरक्षित राइडिंग की आदतों को बढ़ावा देने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए उत्तर प्रदेश में तकरीबन 4 लाख व्यस्कों एवं बच्चों को सड़क सुरक्षा शिक्षा प्रदान कर चुकी है। सड़क सुरक्षा के लिए होण्डा मोटरसाइकिल एण्ड स्कूटर इंडिया की सीएसआर प्रतिबद्धता साल 2021 में होण्डा ने विश्वस्तर पर एक दृष्टिकोण वक्तव्य जारी किया जिसके मुताबिक होण्डा 2050 तक दुनिया भर में होण्डा की मोटरसाइकिलों एवं ऑटोमोबाइल्स की जानलेवा दुर्घटनाओं को शून्य तक लाने के लिए प्रयास करेगी।
सड़क सुरक्षा के प्रति सकारात्मक
एचएमएसआई इसी दृष्टिकोण से भारत सरकार के साथ काम करते हुए 2030 तक दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों को आधा करने की दिशा में कार्यरत है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि 2030 तक हमारे बच्चों में सड़क सुरक्षा के प्रति सकारात्मक मानसिकता का विकास किया जाए और इसके बाद भी उन्हें इस विषय पर शिक्षित करना जारी रखा जाए। स्कूलों एवं कॉलेजों में सड़क सुरक्षा की शिक्षा न सिर्फ जागरुकता बढ़ाती है बल्कि युवाओं में सुरक्षा की भावना को भी बढ़ावा देती है, इस तरह वे सुरक्षा का संदेश देने वाले दूत बन जाते हैं। यह भावी पीढ़ियों को ज़िम्मेदार नागरिक बनकर सुरक्षित समाज के निर्माण में योगदान देने के लिए सक्षम बनाती है।
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