पटना। पाला बदलने के बाद से नीतीश कुमार और तेजस्वी के बीच तकरार मैदान से लेकर फैसलों में दिखाई देने लगा है। नीतीश कुमार के ताजा फैसले से यह साबित हुआ कि बिहार में नौकरी देने के नाम पर जमकर खेला हुआ है। सबसे पहले बिहार विधानसभा सुरक्षा प्रहरी भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई है। परीक्षा में पारदर्शिता की कमी की शिकायत मिली थी। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय को प्रतिवेदन भी प्राप्त हुआ था। अब नई परीक्षा की तारीख बाद में घोषित की जाएगी। इसकी डिटेल्स बाद में बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। ये बहाली तत्कालीन महागठबंधन सरकार के समय निकली थी।
सिक्योरिटी गार्ड बहाली रद्द
वहीं इस मामले में उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधानसभा अध्यक्ष को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह महागठबंधन सरकार के निर्णय को रद्द करने का एनडीए सरकार का पहला फैसला है। विजय सिन्हा ने कहा कि भर्ती में हुई धांधली और रैकेट का पर्दाफाश करने के लिए गहरी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं सीएम नीतीश कुमार भी इसे कतई बर्दाश्त नहीं करते हैं। डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा, ‘भ्रष्टाचार पर हमारी सरकार नकेल कसेगी। अगर अतीत में कुछ गलत हुआ है तो उसे सुधारा जाएगा। सभी फैसलों की पूरी समीक्षा होगी।’
69 पदों पर हुई थी भर्ती
बिहार विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी यानी मार्शल के 69 पदों पर सीधी भर्ती होनी थी। इसके लिए पिछले साल 10 सितंबर को प्रारंभिक परीक्षा ली गई थी। इस परीक्षा में 27 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे। फिर इसी वर्ष 19 से 22 जनवरी तक अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच और दक्षता परीक्षा ली गई थी। लेकिन इसी बीच विधानसभा सचिवालय को इस परीक्षा में धांधली की शिकायत मिली। इसी के बाद परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया।
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