बदायूं। इसे बदकिस्मती ही कहेंगे कि सुहागन बनने के चंद घंटे बाद ही एक युवती का संसार उजड़ गया, सामूहिक विवाह से लौट रहे दूल्हे की सड़क हादसे में मौत हो गई। इस तरह एक महिला का संसार बसने से पहले ही उजड़ गया। गरीब परिवार ने किसी तरह बेटी के हाथ पीले की थे, लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था, ससुराल पहुंचने से पहले दुर्भाग्य ने उसके जीवन में दस्तख्त दे दी।
इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गांव चांदपुर निठाया निवासी जितेंद्र की शादी बिसौली कोतवाली क्षेत्र के गांव जलालपुर निवासी प्रियंका के साथ तय हुई थी। गुरुवार को बिसौली कस्बे के मदनलाल इंटर कॉलेज में सामूहिक विवाह योजना के तहत कई युवक युवतियों की शादी कराई गई। इसी में जितेंद्र और प्रियंका की शादी हुई थी। यहां जितेंद्र अपनी मां अनारकली और गांव के धारा सिंह के साथ आया था।
ट्रैक्टर ट्रॉली ने मारी टक्कर
शादी के बाद शाम को प्रियंका अपने मायके वालों के साथ चली गई जबकि जितेंद्र, उसकी मां और धारा सिंह अलग-अलग बाइक पर गांव लौट रहे थे। उस दौरान जितेंद्र हेलमेट लगाए था। वह अपनी मां को बैठाकर बाइक चला रहा था। बताते हैं कि उनकी दोनों बाइक कुढ़ौली मोड़ पर पहुंची थी।तभी सामने से तेज रफ्तार में आ रही आलू लदी ट्रैक्टर-ट्रॉली से जोरदार भिड़ंत हो गई। हादसा इतना जबरदस्त था कि ट्रैक्टर-ट्रॉली के बीच में जितेंद्र की बाइक फंस गई और काफी दूर तक घिसटती चली गई और खाई में जा घुसी। इस हादसे में जितेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई जबकि उसकी मां और धारा सिंह घायल हो गए।
टूटा दुखों का पहाड़
चांदपुर निठाया निवासी जितेंद्र दो भाइयों में बड़ा था। वह खेतीबाड़ी करता था। बृहस्पतिवार को सामूहिक विवाह में उसकी शादी प्रियंका के साथ हुई थी। यहां केवल चंद लोगों के लिए बुलाया गया था। कोई बरात या बैंडबाजा लाने की व्यवस्था नहीं थी। केवल दूल्हा दुल्हन और परिवार के कुछ लोगों को बुलाया गया था। इससे उनके परिवार के लोग ही शामिल हुए थे। शादी में फेरे लेने के कुछ घंटे बाद ही प्रियंका का सुहाग छिन गया। वह विधवा हो गई। जितेंद्र की मौत से उसके ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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