कोलकाता। आखिरकार ममता सरकार को कोर्ट से मिल रही लगातार फटकार और बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के विरोध स्वरूप घुटनों पर आना ही हुआ। महिलाओं का शोषण करने और संदेशखाली में हिंसा करने के आरोपी शाहजहां को गिरफ्तार करना पड़ा। एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद महिलाओं के साथ हिंसा करने के आरोपी को पुलिस को पकड़ने में पचास दिन लग गए। यहां तक कि हाईकोर्ट को खुलकर राज्य सरकार की कार्यप्रणाली की निंदा करनी पड़ी, तब तक शाहजहां पर पुलिस ने हाथ डाला। अब सबसे बड़ा सवाल है कि महिलाओं पर हिंसा के आरोपी पर पुलिस कितना मजबूत केस तैयार करेगी जो उसे सजा मिल सके।
शेख शाहजहां की गिरफ्तारी
सुकांत मजूमदार ने कहा, “भाजपा के लगातार आंदोलन की वजह से यह सरकार मजबूर हुई शाहजहां शेख को गिरफ्तार करने के लिए। पहले से ही यह सरकार स्वीकार ही नहीं कर रही थी कि ऐसा कुछ (संदेशखाली में) हुआ है। हमने पहले ही कहा था कि सरकार को बाध्य करेंगे, घुटनों पर ले आएंगे कि वे शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर हो जाएं। आज भाजपा के आंदोलन और संदेशखाली की माताओं-बहनों के आंदोलन की वजह से सरकार और ममता बनर्जी मजबूर हुई हैं शेख शाहजहां की गिरफ्तारी के लिए।”
सरकार बचाने में जुटी रही
महिलाओं के शोषण के आरोपी और ईडी अधिकारियों पर पथराव के आरोपी शाहजहां शेख को बचाने में पिछले 50 दिनों से ममता सरकार जुटी रही।पुलिस उसे गिरफ्तार करने का नाटक करती रही। कोर्ट की फटकार और बढ़ रहे आंदोलन से डरकर आखिरकार ममता सरकार को उसे गिरफ्तार करना पड़ा। पुलिस ने शाहजहां की गिरफ्तारी के बाद बताया कि उसे उत्तर 24 परगना जिले के मिनाखा में एक घर से गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसे बशीरहाट अदालत ले जाया गया, जहां उसे कोर्ट के ही लॉकअप में बंद रखा गया है।
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