लखनऊ। मेरा देश बदल रहा है या मेरे देश की राजनीति बदल रही है। यह सब हो रहा है अयोध्या में बनकर तैयार हो रहे भव्य मंदिर की। अभी तक राम मंदिर को भाजपा का चुनावी मुदृदा बताने राजनीतिक दल अयोध्या जाने को आतुर दिख रहे है। जो भगवान के अस्तीत्व को नहीं मानते थे, वो भी अयोध्या जाकर हिंदू वोटरों को लुभाने के प्रयास में जुटे हुए है। कांग्रेस और सपा में तो होड़ मची हुई।
जो अखिलेश यादव और शिवपाल यादव अभी तक अयोध्या से दूरी बनाए हुए थे, वह अब कह रहे कि हम तो निमंत्रण के बिना ही अयोध्या जाएंगे। वहीं कांग्रेस का भी एक दल प्राण प्रतिष्ठा से पहले अयोध्या में दर्शन करना चाहता है। सबकी नजर लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा वोटरों को अपने पक्ष में करने की। एक समय था जब मुस्लिम मतदाताओं को लुभाने के लिए इस तरह बयानबाजी होती थी। जनता सब जानती है, वह अपने विवेक से फैसला करती है।
कांग्रेसी 15 को जाएंग अयोध्या
कांग्रेस की ‘यूपी जोड़ो यात्रा’ के समापन के मौके पर यूपी कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी अविनाश पांडे ने यह बात कहीं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने देश में अघोषित आपातकाल लगा रखा है। अब इसके खिलाफ खड़े होने का वक्त आ गया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 जनवरी से शुरू हो रही है। हमें इस यात्रा को सफल बनाकर लोकतांत्रिक विचारों की लड़ाई को जन-जन तक पहुंचाना है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा से पहले 15 जनवरी को राम मंदिर में दर्शन की योजना बनाई है। इस दौरान दल हनुमानगढ़ी भी जाएगा।
अखिलेश बोले जब भगवान बुलाएंगे तो जाएंगे
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अयोध्या जाने के सवाल पर कहा कि अयोध्या में भगवान राम का कार्यक्रम है। मुख्यमंत्री भगवान से बड़े नहीं हो सकते। भगवान जिसे बुलाएंगे, वहीं अयोध्या जा सकेगा। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवान कब किसे बुला लें, कोई नहीं जानता।वहीं शिवपाल यादव ने पिछले दिनों एक बयान में कहा था कि यह मंदिर तो कोर्ट के आदेश पर बन रहा है, वह सरकार में होते तो वह भी बनवाते।
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