नईदिल्ली। देश की इकलौती पार्टी आप के सभी शीर्ष नेता एक के बाद एक करके शराब नीति घोटाले में फंसकर जेल जा रहे है। अब मनीष सिसोदिया के बाद सांसद संजय सिंह और अरविंद केजरीवाल को ईडी का बुलावा आ गया है, सूत्रों के अनुसार अब पंजाब के भगवंत मान भी शराब घोटाले की जद में आने वाले है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि आम आदमी पार्टी के मोहाली से विधायक कुलवंत सिंह के घर और कार्यालय पर भी छापेमारी हो चुकी है। हालांकि, कुलवंत सिंह ने इसे सामान्य जांच का हिस्सा बताया है, लेकिन जानकारों की मानें, तो इसकी आंच में कुलवंत सिंह के साथ-साथ पंजाब सरकार के कुछ अन्य रसूखदार लोग भी सामने आ सकते हैं। शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने पहले ही इस तरह के आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
13 घंटे तक चली पूछताछ
बता दे कि कुलवंत सिंह पंजाब के सबसे अमीर विधायक हैं। वे रियल स्टेट के साथ-साथ शराब कारोबार से भी जुड़े बताये जाते हैं। उनकी रियल स्टेट कंपनी के कुछ मामलों में भी पहले जांच हो चुकी है। लेकिन 31 अक्तूबर को जिस दिन अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के सामने पेश होकर पूछताछ के लिए पेश होने को कहा गया था, उसी दिन पंजाब विधायक कुलवंत सिंह के घर पर भी एजेंसियों ने छापेमारी शुरू कर दी थी।
उसी समय यह जानकारी सामने आ गई थी कि कुलवंत सिंह के घर-कार्यालय पर छापेमारी शराब घोटाले के बारे में ही हो रही है। लगभग 13 घंटे तक चली जांच में एजेंसियों ने कुछ पुख्ता सबूत जुटाए हैं। इससे शराब घोटाले में पंजाब के भी कुछ आम आदमी पार्टी के नेताओं की भागीदारी सामने आ सकती है। इसके पहले शिरोमणि अकाली दल के एक नेता के घर पर इस मामले में छापेमारी हुई थी।
राघव चड्ढा की सक्रियता से बढ़ा संदेह
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा पंजाब सरकार की उसी एक्साइज पालिसी को सही करार देते रहे हैं, जिसके अंतर्गत दिल्ली में तथाकथित रूप से घोटाला होने की बात कही जा रही है। राघव चढ्ढा यह प्रश्न खड़ा करते रहे हैं कि जो नीति पंजाब के मामले में सही है, वही दिल्ली के संदर्भ में गलत कैसे हो सकती है। कहा यहां तक जाता है कि राघव चड्ढा पंजाब सरकार के कामकाज में बहुत अधिक दखल रखते हैं और दिल्ली से कुछ नेता पंजाब सरकार के कामकाज पर बारीक से नजर रखते हैं।
इसकी पूरी रिपोर्ट अरविंद केजरीवाल को दी जाती है।पार्टी की इसी गतिविधि को शराब घोटाले से जोड़ते हुए यह कहा जा रहा है कि आम आदमी पार्टी के नेता पंजाब सरकार में भी कामकाज को उसी अंदाज में प्रभावित करने की कोशिश की होगी, जिस तरह से शराब घोटाले के मामले में दिल्ली में की गई। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली की तरह पंजाब में भी घोटाला सामने आ सकता है और उसकी आंच में खुद मुख्यमंत्री भगवंत मान तक आ सकते हैं।
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