कनेक्टेड एंटरप्राइज़ मोबिलिटी टेक कंपनियां भारत में पैदा कर रही हैं रोज़गार के नए अवसर

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Connected enterprise mobility tech companies are creating new employment opportunities in India.
जो भारत के टेक्नोलॉजी परिदृश्य को नया आकार दे रही हैं।

बिजनेस डेस्क। प्रौद्योगिकी (टेक्नोलॉजी) के तेज़ विकास और काम करने के विकसित होते माहौल के दौर में, एंटरप्राइज़ मोबिलिटी मैनेजमेंट (ईएमएम) के समाधान कंपनियों की सफलता को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में उभरे हैं। वैश्विक कार्यबल के विभिन्न स्थानों पर बंटे होने के कारण इसे प्रबंधित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है। हालांकि इस चुनौती ने नवोन्मेष और परिवर्तन के लिए ज़मीन तैयार की है, जिससे कनेक्टेड एंटरप्राइज़ मोबिलिटी टेक फर्मों का उदय हुआ है, जो भारत के टेक्नोलॉजी परिदृश्य को नया आकार दे रही हैं।

ईएमएम समाधानों का आगमन

मनीष गर्ग, वीपी – इंडिया डेवलपमेंट,एसओटीआई,के अनुसार, केंद्रीकृत ऑफिस की पारंपरिक अवधारणा की जगह अब एक गतिशील परिदृश्य ने ले ली है, जहां कर्मचारी विभिन्न भौगोलिक स्थानों से काम कर रहे होते हैं। ईएमएम समाधानों के आगमन ने इस तरह के विस्तार से पैदा होने वाले अंतराल को पाटने की दिशा में कदम बढ़ाया है। कंपनियां अब किसी एक स्थान तक सीमित नहीं होती हैं; वे दक्षता, सहयोग और नवोन्मेष के नए स्तरों का उपयोग कर सकती हैं। इस तरह के कार्यबल को ऐसे डिवाइस बढ़ाने की भी ज़रूरत होती है, जिनका उपयोग कर्मचारी अपना काम करने के लिए करते हैं, चाहे वह ऑफिस हो, रिटेल की जगह, अस्पताल या फील्ड हो।

टेक्नोलॉजी की भूमिका

जब काम कहीं से भी किया जा रहा हो, अलग-अलग जगह काम कर रहे कार्यबल में टेक्नोलॉजी की भूमिका का प्रबंधन” शीर्षक वाली रिपोर्ट में पाया गया कि 80% कंपनियां अब कम से कम एक टेक्नोलॉजी, जैसे नए डिवाइस और एप्लीकेशन का प्रबंधन कर रही हैं, जबकि एक साल पहले ऎसी स्थिति नहीं थी। यह इन कंपनियों के कामकाज के तरीकों में उल्लेखनीय बदलाव को दर्शाता है।

भारत के टेक परिदृश्य को आकार देना

भारत, जो अपने जीवंत टेक्नोलॉजी परितंत्र के लिए जाना जाता है, यहां एंटरप्राइज़ मोबिलिटी टेक फर्मों के आने से क्रांतिकारी बदलाव आया है। ये कंपनियां, ऐसे समाधान तैयार करने में सबसे आगे हैं जो संगठनों को विभिन्न स्थानों में बंटे कार्यबल का निर्बाध रूप से प्रबंधन करने के लिए मदद करते हैं। ये ये समाधान ज़रूरत बनते जा रहे हैं और ऐसे में ढेर सारे करियर के अवसर भी सामने आ रहे हैं, जिससे देश की टेक्नोलॉजी-प्रेमी आबादी के लिए रोज़गार परिदृश्य बदल रहा है।

गांव शहर का अंतर घटा

ईएमएम समाधान सिर्फ महानगरों तक ही सीमित नहीं है। यह एक तूफ़ान की तरह है, जो भारत के उभरते क्षेत्रों में फैल रहा है। टेक्नोलॉजी कंपनियां विस्तार कर रही हैं और वे उन क्षेत्रों में प्रचुर प्रतिभा को सामने ला रही हैं, जिनका पहले उपयोग नहीं हुआ था। इस तरह के विस्तार से दोहरा लाभ होता है: यह रोजगार के अवसर के लिहाज़ से शहरी-ग्रामीण अंतर को पाटता है और कंपनियों को विविध किस्म के कौशल का उपयोग करने में मदद करता है, जो नवोन्मेषी समाधानों में योगदान करते हैं। इसका नतीज़ा टेक्नोलॉजी फर्मों और जिन क्षेत्रों में वे काम करती हैं, दोनों के लिए अच्छा होता है।

उत्पादकता को सशक्त बनाना

 प्राथमिक परिणामों में से एक है, स्वास्थ्य सेवा, परिवहन एवं लॉजिस्टिक्स (टी एंड एल), वेयरहाउसिंग और खुदरा जैसे क्षेत्रों में कर्मचारियों का सशक्तिकरण, जहां विकेंद्रीकृत संचालन में भारी बदलाव आया है। केंद्रीय ऑफिस से दूर काम करना पहले एक रुझान था, जो अब ज़रूरत में बदला गया है, और वेयरहाउस, खुदरा दुकानों, वितरण केंद्रों, फील्ड वर्कर और काम के लिए कई स्थानों की यात्रा करने वाले कर्मचारियों के लिए मोबिलिटी समाधान की ज़रूरत बढ़ गई है। ईएमएम समाधान अब कर्मचारियों को संपर्क में रहने, निर्बाध रूप से जुड़ने और कहीं से भी महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने में मदद कर रहे हैं। इस बदलाव ने कंपनियों के संचालन के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया है और ऐसे पेशेवरों की मांग हो रही है जो इस गतिशील वातावरण में काम कर सकते हैं।

करियर के नए अवसर

कनेक्टेड एंटरप्राइज मोबिलिटी टेक फर्मों ने जो बदलाव लाया है, उससे भारत के टेक्नोलॉजी उद्योग में कुछ नए तरह के करियर को जन्म दिया है। ऐसे पद, जिसके बारे में कभी सुना नहीं था, जैसे रिमोट वर्क कोऑर्डिनेटर, मोबाइल ऐप डेवलपर, वर्चुअल कोलैबोरेशन स्पेशलिस्ट, और साइबर सिक्योरिटी एनालिस्ट, अब आधुनिक कंपनियों की सफलता का अभिन्न अंग बन गए हैं। करियर के अवसरों का यह विस्तार न केवल टेक्नोलॉजी-प्रेमियों के लिए रोमांचक अवसर प्रदान करता है, बल्कि उद्योग के समग्र विकास में भी योगदान देता है।

व्यक्तिगत डिवाइस का प्रयोग

एंटरप्राइज़ मोबिलिटी समाधान के मूल में है, मोबाइल उपकरणों के कुशलतापूर्वक प्रबंधन की क्षमता। इसमें कॉर्पोरेट नेटवर्क और एप्लिकेशन तक सुरक्षित पहुंच सुनिश्चित करने से लेकर संवेदनशील डेटा की सुरक्षा के लिए कड़े सुरक्षा उपायों को लागू करने तक सब कुछ शामिल है। मोबाइल डिवाइस मैनेजमेंट (एमडीएम) के विकास से ईएमएम अस्तित्व में आया, जो एमडीएम के साथ-साथ अन्य डिवाइस मैनेजमेंट टूल और विभिन्न किस्म की सेवाओं को एक सॉफ्टवेयर में इकट्ठा कर देता है। ईएमएम ऑफिस में व्यक्तिगत डिवाइस के बढ़ते उपयोग की ज़रूरत को पूरा करता है और इसे किसी भी मोबाइल डिवाइस पर कॉर्पोरेट दाटा और एप्लिकेशन इंटीग्रेशन की सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए विकसित किया गया है। इस बदलाव से ईएमएम और साइबर सुरक्षा में विशेषज्ञों की मांग को बढ़ गई है, जिससे करियर के लिए नए अवसर पैदा हो गए हैं।

रिमोट डिवाइस मैनेजमेंट

रिमोट वर्क के बढ़ने और कनेक्टेड डिवाइस में बढ़ोतरी से साइबर सुरक्षा संबंधी चिंता भी सामने आई है। एंटरप्राइज़ मोबिलिटी टेक कंपनियां परिष्कृत एन्क्रिप्शन मेथड, सिक्योर ऑथेंटिकेशन प्रोटोकॉल और रिमोट डिवाइस मैनेजमेंट टूल विकसित कर इस चुनौती का सामना कर रही हैं। सुरक्षा पर ध्यान बढ़ा है, जिससे साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की मांग बढ़ी है, जिससे पेशेवरों के लिए डिजिटल परिसंपत्तियों की सुरक्षा में विशेषज्ञता और योगदान करने का एक नया अवसर तैयार हुआ है। हाल में आई एक रिपोर्ट में पाया गया कि इसकी वजह से 52% कंपनियों ने पिछले 12 महीनों में अपने आईटी बजट में बढ़ोतरी की है।

डेटा एनेलिटिक्स

इन टेक्नोलॉजी कंपनियों के बढ़ने से, भारत और यहां से बाहर की कंपनियों के संचालन के तरीके में बड़ा बदलाव आ रहा है। कर्मचारियों का विभिन्न जगहों से काम करना अब आम हो गया है और टेक्नोलॉजी का लागातार विकास हो रहा है, ऐसे में विकास के साथ आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए नवोन्मेषी समाधानों की ज़रूरत है। उत्पादकता में सुधार और महंगे डिवाइस डाउनटाइम को कम करने से लेकर सुरक्षा उपायों को मज़बूत करने और डेटा एनेलिटिक्स के माध्यम से प्रदर्शन को अनुकूलित करने तक, ईएमएम समाधान संभावनाओं के एक नए युग की शुरुआत कर रहे हैं।ईएमएम जो नए अवसर लेकर आए हैं, उनसे व्यावसायिक परिदृश्य बदल रहा है और पूरे भारत में प्रतिभाशाली व्यक्तियों को काम के नए अवसर मिल रहे हैं। इस रुझान के बीच, टेक्नोलॉजी उद्योग एक शानदार भविष्य के लिए तैयार है जहां नवोन्मेष की कोई सीमा नहीं होगी।

मनीष गर्ग, वीपी – इंडिया डेवलपमेंट, एसओटीआई

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