आगरा। यूपी के आगरा जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया, यहां कुछ लोगों ने पैसा कमाने के लालच में डॉक्टरी पेशे को बदनाम कर दिया। यहां कोख के कातिलों ने बेटे को भी बेटी बताकर पैसे लेकर उनकी हत्या कर देते है। पुलिस की पकड़ में आए आरोपी गर्भस्थ शिशु की धड़कन मापने वाली फीटल डॉप्लर मशीन से भ्रूण लिंग जांच का दिखावा करते। कोख में बेटी बताकर गर्भपात कर देते थे। गर्भपात करने के इनको अतिरिक्त 8 हजार रुपये मिलते थे।यह जानकार पुलिस वाले भी हैरान है।
बीस हजार में अजन्मे बच्चे का कत्ल
सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि स्टिंग कर फतेहपुर सीकरी के गांव मंडी गुड के निकट मां वैष्णवी हॉस्पिटल में भ्रूण लिंग जांच का खेल पकड़ा है। आरोपी नीलम और सोनू गर्भपात कराते थे। पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि ये दंपति भ्रूण लिंग जांच के लिए 12 हजार रुपये और गर्भपात के लिए अलग से करीब आठ हजार रुपये लेते थे। उन्होंने बताया कि ये लोग फीटल डॉप्लर मशीन से भ्रूण लिंग जांच का दिखावा करते और गर्भ में बेटी पलने की जानकारी दे देते थे। फीटल डाॅप्लर मशीन गर्भस्थ शिशु की धड़कन सुनने के लिए उपयोग में लाई जाती है। बिना जांच के बेटी इसलिए बताते थे, जिससे गर्भवती के परिजन उसका गर्भपात करा दें और उनको अतिरिक्त पैसे मिलें। फीटल डॉप्लर मशीन और लैपटॉप जब्त किया गया है।
झोलाछाप पहुंचाते थे मरीज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भ्रूण लिंग जांच के केस जुटाने में झोलाछाप भी सहयोगी हैं। झोलाछाप परिवार को चिह्नित करते थे। भ्रूण लिंग जांच कराने के लिए वह एजेंट का नंबर उपलब्ध कराते थे। इसमें झोलाछाप का कमीशन तय था। एजेंट ऐदल सिंह मरीज को दो-तीन बार गलत पते पर बुलाता था, जब उसे लगता कि मरीज सही है, इसके बाद ही सही ठिकाने पर लेकर जाता था। आगरा में भ्रूण लिंग जांच के अभी तक आठ मामले पकड़े जा चुके हैं। ये राजस्थान और हरियाणा की टीम ने पकड़े हैं। आईएमए की पूर्व अध्यक्ष भी भ्रूण लिंग जांच में पकड़ी जा चुकी हैं। यमुनापार में तीन, सदर में एक, संजय प्लेस व रुनकता में एक-एक और फतेहाबाद में भी एक मामला पकड़ा गया था।
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