बिजली कटौती देख चढ़ा सीएम का पारा: रात में ऊर्जा मंत्री और अफसरों को तलब करके दिए य​ह निर्देश

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CM's anger rose after seeing the power cut: Energy Minister and officers were summoned at night and given these instructions
शुक्रवार रात ऊर्जा मंत्री से लेकर विभाग के आला-अधिकारियों को तलब किया।

लखनऊ। इन दिन पड़ रही प्रचंड गर्मी की वजह से बिजली मांग तेजी से बढ़ी है, मांग अधिक होने से कटौती ज्यादा होने लगी है। हर तरफ से शिकायतों का आंकड़ा बढ़ता देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पारा चढ़ गया। उन्होंने शुक्रवार रात ऊर्जा मंत्री से लेकर विभाग के आला-अधिकारियों को तलब किया। उनसे कटौती का कारण पूछा और नाराजगी जताई। आदेश दिया कि तत्काल अघोषित कटौती को रोका जाए।

योगी ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से कहा कि अगर जरूरत हो तो बिजली खरीदारी को बढ़ाकर पब्लिक को राहत पहुंचाई जाए। सीएम ने कहा कि अधिकारियों की फीडर वाइज जवाबदेही तय की जाए। यही नहीं, संबंधित अधिकारी रोज हर जिले की समीक्षा करें। हर जिले में कंट्रोल रूम बनाएं। जिले में नियमित रूप से डीएम बिजली व्यवस्था की मॉनिटरिंग करें।

 बिजली कटौती पर लगाए विराम

सीएम योगी ने बिजली कटौती पर तत्काल रोक लगाने के निर्देश देते हुए कहा कि फाल्ट हो तो तुरंत उसे अटेंड किया जाए। शहर हो या गांव, जहां कहीं भी ट्रांसफॉर्मर खराब होने की सूचना मिले, जल्द वहां ट्रांसफॉर्मर बदला जाए। योगी ने बैठक में ऊर्जा मंत्री, विभाग के अध्यक्ष, एमडी और अधिकारियों से कहा, बिजली व्यवस्था के तय शेड्यूल का ध्यान रखें। जिला मुख्यालयों को 24 घंटे, तहसील मुख्यालय को 22 घंटे और गांवों को 18 घंटे बिजली हर हाल में दें। स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं होनी चाहिए।

यूपी में रोज 500 से ज्यादा ट्रांसफॉर्मर हो रहे खराब

यूपी में रोज 500 से 550 ट्रांसफॉर्मर खराब हो रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि 2 साल से ट्रांसफॉर्मर पर लोड बढ़ाने और पोल के साथ तार बिछाने का काम नहीं किया गया। लखनऊ में ही रोज 15 से ज्यादा छोटे-बड़े ट्रांसफॉर्मर खराब हो रहे हैं।यूपी राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा का आरोप है कि फीडर को 30 से 45 मिनट के लिए बंद कर दिया जा रहा है। उपकेंद्र पर 7 से 10 फीडर होते हैं। एक फीडर से 1000 से 2000 उपभोक्ताओं को बिजली मिलती है। ऐसे में एक बार में इतने घर अंधेरे में चले जाते हैं। उपभोक्ता परिषद ने कहा कि इसकी जांच की जाए तो विभागीय स्तर पर बड़ी लापरवाही सामने आएगी।

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