लखनऊ। राष्ट्रीय लोक दल व्यापार प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष रोहित अग्रवाल ने केंद्र सरकार द्वारा 2000 के नोटों को बंद करने के निर्णय पर सरकार पर हमलावर होते हुए कहा की जनता के साथ यह अत्याचार है। उन्होंने कहा कि 2016 में एक बार अपने ऐसे ही निर्णय से मोदी सरकार ने बड़े-बड़े दावे किए थे परंतु हाथ कुछ नहीं लगा था। वहीं एक बार पुनः जनता को लाइन में खड़ा करने की साजिश है। ताकि मूलभूत समस्याओं पर बात ना की जा सके। उन्होंने कहा कि पहले से परेशान चल रहे व्यापारी अब नई समस्या का सामना करेंगे।
यह निर्णय व्यापारियों के लिए खड़ी करेगा परेशानियां
श्री अग्रवाल ने कहा पहले से बाजार में लेन देन के लिए पर्याप्त रुपया ना होने के कारण व्यापारी परेशान चल रहा है और उसकी व्यापार ना के बराबर है। अब इस तरीके के नए निर्णय से व्यापारियों के सामने नई परेशानियां खड़ी हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार विदेशों में जाके उद्योग को बढ़ावा करने का दावा कर रही है, वहीं ऐसा प्रतीत हो रहा है यह सरकार सिर्फ चंद उद्योगपतियों के लिए काम करना चाहती है और छोटे व खुदरा व्यापारियों को समाप्त कर देना चाहती है। उन्होंने कहा कि खराब अर्थव्यवस्था के दौरान इस तरीके का निर्णय आना किसी भी तरीके से देश हित में नहीं कहा जा सकता।
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