लखनऊ। अटल एक व्यक्ति नहीं विचारधारा थे। वह दलगत राजनीति से परे थे। उनके जीवन दर्शन और कार्यशैली को भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता अपने अंदर आत्मसात कर चुका है। उक्त बातें दीन दयाल सेवा प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण मिश्र जी ने व्यक्त किए। वह सोमवार को लखनऊ के डीएवी डिग्री कालेज में अटल जी की पुण्य तिथि के अवसर पर आयोजित स्मृति सभा में बोल रहे थे।
उपस्थित कार्यकर्ताओं से चर्चा करते हुए श्री मिश्र ने कहा कि आज देश मे भाजपा का जो भी विशाल परिवार दिखता है वह अटल जी की ही कल्पना थी कि संसद में दो सीट आने पर भी सरकार बनाने का दम रखते थे। श्री मिश्र ने आगामी 25 दिसम्बर को संस्थान की ओर से स्मृतिका प्रकाशित करने की बात भी कही।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रकवि वेद व्रत बाजपेयी जी ने अपने बचपन के संस्मरणों को उपस्थित जनसमूह से साझा किया। इस बीच कई बार वह भावुक भी हुए। उन्होंने अपनी काव्य रचनाओं को अटलजी से प्रेरित और प्रभावित बताया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मनमोहन तिवारी ने कहा कि जिस समय अटलजी चुनाव लड़ रहे थे मैं कांग्रेस का कार्यकर्ता था लेकिन अटल जी के मिलनसार व्यवहार का हमेशा कायल रहा हूँ। बाद में मुझे उन्होंने खुद से भाजपा में शामिल करवाया। आज वह नहीं हैं लेकिन उनकी सिखाई बातें जेहन में हमेशा जिंदा हैं।
कार्यक्रम में भाजपा प्रवक्ता आलोक अवस्थी, राज्य मंत्री नानक चंद लखमानी, पूर्व सभासद अतुल अवस्थी, राजेश मिश्रा डॉक्टर, अलका मिश्रा, शशि अग्रवाल, राजन श्रीवास्तव, गोपालजी शुक्ला, शरद शुक्ल, आर के छारी आदि ने अपनी बात साझा की। कार्यक्रम का संचालन भाजपा प्रवक्ता संजय चौधरी ने किया, धन्यवाद ज्ञापन सुरेंद्र शर्मा ने और वंदे मातरम गायन रागिनी रस्तोगी ने किया।