शारीरिक व बौद्धिक विकास में सहायक है रंगमंच : महेश चंद देवा

598

लखनऊ। शारीरिक व बौद्धिक विकास में सहायक है रंगमंच। थियेटर ही एक ऐसी विधा है जो कि कला के माध्यम से बच्चों में बढ़ रहे कोविड-19 खामियों को दूर किया जा सकता है हम शारीरिक व बौद्धिक विकास के साथ-साथ बच्चों में कला संस्कृति और संस्कार भी सिखाते हैं। उक्त बातें मदर सेवा संस्थान चबूतरा थियेटर पाठशाला द्वारा आयोजित रंगमंच कार्यशाला में महेश चंद देवा कही। मदर सेवा संस्थान चबूतरा थियेटर पाठशाला में पांच दिवसीय अभिनयपरक कार्यशाला का शुभारंभ सोमवार को किया गया।

कार्यशाला को एनएसडी से प्रशिक्षण प्राप्त विकास गौतम के निर्देशन में किया जा रहा है। विकास पिछले एक दशक से लखनऊ में रंगमंच कर रहे हैं, एनएसडी पास आउट होने के बाद गौतम ने बच्चों को रंगमंच प्रशिक्षण प्रदान करने का जिम्मा उठाया। महेश चंद देवा ने बताया कि कार्यशाला में अभिनय से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।

कार्यशाला में मोहम्मद अमन, मोनू गौतम, शिखा वाल्मीकि, नैंसी वाल्मीकि, काजल गौतम, लकी गौतम, श्लोक बाल्मीकि, सुमित कनौजिया, नीलिमा चौधरी,शिवानी चौधरी, आर्यन चौधरी, निधि बाल्मीकि ने प्रतिभाग किया, आने वाले दिनों में कार्यशाला और लोगिओं के जुड़ने की संभावना है।

इसे भी पढ़ें..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here