मुंबई, बिजनेस डेस्क। कोल इंडिया लिमिटेड का समग्र उत्पादन, ओवर बर्डन रिमूवल और ओपनकास्ट खदानों के माध्यम से कोयले का उत्पादन का कुल योग, साल 2023 के दिसंबर में समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2023 में पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 18.6% बढ़कर1439मिलियन क्यूबिक मीटर हो गया। यह प्रगतिशील आधार पर लक्ष्य उपलब्धि का १०१ प्रतिशत रहा।
7०० एमटी उत्पादन लक्ष्य
राज्य के स्वामित्व वाले कोयला खनन इस महारत्न ने चालू वित्त वर्ष के दिसंबर तक पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 19.2% की वृद्धि दर्ज की गई और लक्ष्य का 101% प्राप्त किया गया। चालू वित्त वर्ष के दौरान चुनौतीपूर्ण 700 एमटी उत्पादन लक्ष्य का पीछा करते हुए, ओबी हटाने की उच्च मात्रा आने वाले महीनों में कोयले की तेजी से निकासी के रास्ते को आसान बनाती है, क्योंकि कोयले की परतें पहले ही उजागर हो चुकी हैं।
ओबी से रेत का निर्माण का आरम्भ भी किया है, जो पर्यावरण के अनुकूल तरीके अपनाते हुए कचरे से संपत्ति बना रही है। वर्तमान में, रेत की मांग को रेत के खनन और नदियों के जलमार्गों से निकालने के माध्यम से पूरा किया जाता है जो नदियों के पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण की दिशा में एक प्रयास के रूप में, सीआईएल ने ओवरबर्डन संरचनाओं से रेत को अलग करने के लिए एक अलग सोच अपनाते हुए शुरू की है।
9 संयंत्रों का लक्ष्य पूरा
सीआईएल की सहायक कंपनियों द्वारा वर्तमान में संचालित तीन ओबी से रेत रूपांतरण परियोजनाओं ने नवंबर वित्त वर्ष 23 तक 16643 सीयूएम रेत का उत्पादन किया। कंपनी 6 और प्रोजेक्ट लगाने की योजना बना रही है। सभी 9 संयंत्रों का लक्ष्य पूरी तरह से चालू होने के बाद सालाना 30 लाख घन मीटर रेत का उत्पादन करना है। यह निर्मित रेत को सस्ती दरों पर और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से उपलब्ध कराता है। यह कदम नदी के पारिस्थितिकी तंत्र को बेहतर बनाने में भी मदद करता है।
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