एबीपी न्यूज-सीवोटर फाइनल ओपिनियन पोल में गुजरात में बीजेपी की भारी जीत का दावा

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Mission 2024: BJP state president made changes in the organization, changed district presidents of 69 districts at once
भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से संगठन में बदलाव को लेकर कवायद कर रही थी।

नईदिल्ली। बीजेपी के गढ़ कहे जाने वाले गुजरात में इन दिनों चुनावी सरगर्मिंयां अपने चरम पर हैं। अभी तक चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के मुकाबला होता आया है, लेकिन इस बार आप के साथ ही अन्य पार्टियों की मौजूदगी मुकाबला रोचक बना दिया है। जहां दूसरी पार्टियां इसे केवल भाग्य आजमाइश के लिए लड़ रहीं हैं, वहीं आप केवल कांग्रेस का खेल बिगाड़ने के लिए मैदान में जोर आजमाइश कर रही है। इससे सबसे बड़ा फायदा बीजेपी को हैं। यह हम नहीं कह रहे है, बल्कि बड़ी-​बड़ी दिग्गज सर्वे एजेंसियां कह रही है कि इस बार बीजेपी के लिए जीत काफी आसान हो गई है।

कांग्रेस को सबसे बड़ा नुकसान

एबीपी न्यूज-CVoter (सेंटर फॉर वोटिंग ओपिनियन एंड ट्रेंड्स इन इलेक्शन रिसर्च) के आखिरी ओपिनियन पोल के परिणाम में गुजरात में बीजेपी को 134 – 142 सीटों के साथ मौजूदा बीजेपी सरकार के लिए एक आसान जीत की भविष्यवाणी।एबीपी न्यूज- गुजरात चुनावों पर सीवोटर के अंतिम ओपिनियन पोल के परिणाम अनुसार 28-36 सीटों के साथ कांग्रेस (INC) दूसरे स्थान पर रहेगी हैं और आप (आम आदमी पार्टी) को केवल 7-15 सीटों में ही जीत दर्ज होने की संभावना है।

ओपिनियन पोल के अनुसार बीजेपी को 45.9% वोट शेयर मिलने की संभावना है, कांग्रेस को 26.9% और AAP को 21.1% वोट मिलेंगे।एबीपी न्यूज-सीवोटर ने गुजरात में एक स्नेप पोल भी किया और सर्वे में शामिल लोगों से एक सवाल किया गया कि वे गुजरात के अगले मुख्यमंत्री के लिए सबसे पसंदीदा उम्मीदवार किसे मानते हैं? प्रश्न के उत्तर में, 52.1% मतदाताओं ने कहा कि वे भाजपा नेताओं के समर्थन में हैं, वहीँ 23.6% ने आप नेताओं के पक्ष में समर्थन दिया, 19% ने INC नेताओं के पक्ष में समर्थन दिया, और 5.3% लोगों ने अन्य नेताओं के समर्थन को समर्थन दिया।

बेरोजगारी का मुदृ्दा अहम

सर्वे में शामिल लोगों से एक अन्य प्रश्न पूछा गया कि उनके अनुसार इस समय सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा क्या है। जिसके उत्तर में 37.5% सर्वे में शामिल लोगों ने कहा की बेरोजगारी को सबसे बड़ी चुनौती के रूप में मानते हैं, 18.2% लोगों ने बिजली/पानी/सड़क को बड़ा मुद्दा बताया, 4.2% लोगों ने महामारी के दौरान के काम काज को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा माना, 13% उत्तरदाताओं ने किसानों के मुद्दे को, 2.6% लोगों ने कानून और व्यवस्था, 4.5% लोगों ने कहा कि सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार को प्रमुख मुद्दा, 2.3% लोगों ने राष्ट्रीय मुद्दों को, 4.3% लोगों ने मुद्रास्फीति, जबकि 13.4% लोगों ने अन्य मुद्दों को सबसे बड़ी चुनौती माना।

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