जौनपुर। यूपी के सभी जिलों में डेंगू का प्रकोप प्रशासन को टेंशन दे रहा हैं, वहीं जौनपुर में हालात बेहद खराब हैं।
यहां अब तक 390 मरीजों में डेंगू पुष्टि हो चुकी है। डेंगू के सर्वाधिक मरीजों वाले जनपदों में जौनपुर छठवें नंबर पर है। 12 अगस्त को बदलापुर में पहला डेंगू का मरीज मिला था। उसके बाद से कस्बे में डेेंगू का लार्वा नष्ट कराने का अभियान चलाया गया लेकिन मरीजों की संख्या पर काबू नही हो पाया।
बदलापुर सीएचसी में होने वाली जांच में प्रतिदिन 15-20 मरीज मिलते थे। स्वास्थ्य विभाग विभाग ने कुल 13 हजार 554 लोगों की डेंगू की जांच कराई। इसमें प्राथमिक जांच में 1726 लोगों में डेंगू के लक्षण मिले। बीएचयू में एलाइजा जांच में 390 मरीजों के डेंगू की पुष्टि हुई।
प्रयागराज को छोड़कर आसपास के किसी जनपद में इतने मरीज नहीं मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अब तक किसी की मौत नहीं हुई है लेकिन चार लोगों के परिजनों ने डेंगू से मौत का दावा किया है। मीरगंज क्षेत्र के बामी गांव में शुक्रवार को शैलेश पाल (18) की मौत हो गई। परिवार वालों का कहना है कि युवक की मौत डेंगू से हुई है। वह एक सप्ताह पहले मुंबई से गांव आया था।
राजधानी में सबसे ज्यादा मरीज
स्वास्थ्य विभाग से जारी रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ में सर्वाधिक 1740 मरीज मिले हैं। दूसरे नंबर पर प्रयागराज है। यहां 1611 केस मिल चुके हैं। तीसरे पर अयोध्या, चौथे पर गाजियाबाद ओर पांचवें पर कानपुर है। छठवें नंबर पर जौनपुर है, जहां 390 मरीज पाए गए हैं।संचारी रोगों के प्रसार को देखते हुए जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीकला धनंजय सिंह ने डेंगू रोकथाम के लिए अभियान की शुरूआत की है।
खुटहन, पट्टीनरेंद्रपुर, पटियाला, विशुनपुर, पिलखिनी नई बाजार, पीलखिनी गांव, दिहिया गांव, पिलखिनी पुरानी बाजार आदि स्थानों पर एंटी लार्वा दवा का छिड़काव कराया गया है। अपर मुख्य अधिकारी के अनुसार जहां डेंगू के मामले ज्यादा हैं, वहां ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।जिला मलेरिया अधिकारी वीपी सिंह ने कहा कि जौनपुर जिले में डेंगू के मरीज पहले की तुलना में कम मिल रहे हैं। यहां 390 मरीज मिल चुके हैं। सभी इलाकों में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। लोगों को सलाह दी गई है कि पूरी बांह का कपड़ा पहनें।
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