मैनपुरी। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के निधन से रिक्त हुई मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनाव का बिगुल बज चुका है। मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो इस सीट पर इस बार मुकाबला रोचक हो सकता है। सपा ने जहां मुलायम सिंह यादव की बहू डिंपल यादव को उतारकर परिवारवाद को जिंदा रखा हैं, वहीं भाजपा से मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को उतारने की चर्चा है। यदि अपर्णा यादव का टिकट पक्का होता है तो देवरानी—जेठानी की एक रोचक जंग देखने को मिलेगी।
यहां होने है उपचुनाव
उत्तर प्रदेश में मैनपुरी के साथ ही रामपुर (Rampur) तथा खतौली (Khatauli) में पांच दिसंबर को होने वाले उप चुनाव को लेकर कांग्रेस तथा बसपा के किनारा करने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधी टक्कर होगी। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने मुजफफरनगर की खतौली सीट तो सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के लिए छोड़ दी है तो माना जा रहा है कि रामपुर में आजम खां ही प्रत्याशी तय करेंगे। मैनपुरी में होने वाले उप चुनाव में समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को प्रत्याशी घोषित किया है।
बीजेपी में मंथन जारी
मुजफ्फरनगर की खतौली और रामपुर की रामपुर सदर सीट विधानसभा सीट पर पार्टी को गहरा मंथन करना पड़ सकता है। मैनपुरी को लेकर भारतीय जनता पार्टी बेहद गंभीर है। पार्टी का लक्ष्य यहां पर समाजवादी पार्टी का एकाधिकार तोड़ने का है।
माना जा रहा है कि भाजपा यहां से मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की छोटी बहू अपर्णा यादव को जेठानी डिंपल यादव के सामने उतार सकती है। अपर्णा यादव गुरुवार को लखनऊ में थीं, जबकि शुक्रवार सुबह नई दिल्ली रवाना हो गईं। उन्होंने कल लखनऊ में भाजपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी से भी मुलाकात की थी। जिससे तो अटकलें तेज हो गईं कि उन्हें मैनपुरी उपचुनाव के लिए पार्टी के उम्मीदवार के रूप में पेश किया जा सकता है।
अपर्णा यादव इसी वर्ष 19 जनवरी को नई दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और विधानसभा चुनाव में इसके लिए प्रचार भी किया था। उन्होंने मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी के बेटे प्रतीक यादव से शादी की है। अपर्णा यादव को शिवपाल सिंह यादव का भी समर्थन मिलने की संभावना है। शिवपाल सिंह यादव का इटावा के साथ ही मैनपुरी तथा फिरोजाबाद में भी खासा दखल है।
शाक्य पर भी दांव लगा सकती है भाजपा
मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र यादव और शाक्य बहुल है। यहां पर ठाकुर मतदाता भी प्रभावी भूमिका में हैं। यहां से अपर्णा यादव के अलावा इटावा के पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, पूर्व विधायक ममतेश शाक्य, पिछला लोकसभा चुनाव लडऩे वाले प्रेम सिंह शाक्य, पार्टी के लोकसभा संयोजक प्रदीप राज चौहान और जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह के नाम भी चर्चा में हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेन्द्र यादव के बहनोई अनुजेश प्रताप यादव भी भाजपा के टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।
डिंपल जो सांसद बनाने सपा ने लगाया जोर
वहीं डिंपल यादव को सांसद बनाने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पूरी तरह से जुट गए हैं, वह आजमगढ़ और रामपुर में हुए उपचुनाव वाली गलती फिर से नहीं दोहराना चाहते है। इसलिए इस उपचुनाव में पूरे जी— जान से जुट गए है। दरअसल जून में हुए आजमगढ़ व रामपुर उपचुनाव में प्रचार करने नहीं गए थे। वहीं, भाजपा ने आक्रामक चुनाव प्रचार व बूथ प्रबंधन के कारण दोनों ही सीटें सपा से जीत ली थीं।
आजमगढ़ व रामपुर हारने के बाद अखिलेश ने चुनाव प्रचार करने न जाने के सवाल पर कहा था, पार्टी पदाधिकारियों ने मना किया था, लेकिन मुझे क्या पता था अधिकारी मतदाताओं को निकलने नहीं देंगे, पैसा बंटेगा और ट्रक से शराब आएगी। मुझे उम्मीद थी और मुझे भरोसा दिया गया था कि मेरे वहां जाने की कोई जरूरत नहीं है।’ पार्टी कार्यकर्ताओं के भरोसे अतिविश्वास में आए अखिलेश इस बार पिछली बार की तरह गलती नहीं करेंगे।
इसे भी पढ़े..