लखनऊ, बिजनेस डेस्क। देश की प्रमुख ग्रामीण फिनटेक कंपनी, भारत के बैंकों के काम करने के तरीके में भारी बदलाव लेकर आई है जोकि किसानों और उनके परिवारों की अपनी सब्सिडी निकालने में सहायता कर रहे हैं। स्पाइस मनी अपने 10,00,000 अधिकारियों (मर्चेंट और नैनोप्रेन्योर्स) के विशाल नेटवर्क की मदद से ऐसा करने में सक्षम हुई है। स्पाइस मनी ने बैंकों के आउटलेट्स को लाल और नीले रंग में पेंट करवाने की पहल की है, इससे अब किसानों और उनके परिवारों के लिए अपनी सब्सिडी की रकम निकालने के लिए इन आउटलेट्स को पहचानना और आसान हो गया है। पीएम किसान स्कीम एक केंद्रीय योजना है, जिसे भारत सरकार से 100 फीसदी फंड मिलता है।
तीन किश्तों में मिलती है
यह योजना 1 दिसंबर 2018 को शुरू की गई थी। इस योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने में मदद के लिए 6000 रुपये सालाना मिलते हैं। यह राशि तीन किश्तों में मिलती है और इसे जमीन के मालिक किसान परिवारों के खातों में सीधे ट्रांसफर किया जाता है। किसान परिवार में किसान, उसकी पत्नी और नाबालिग बच्चे शामिल हैं। जहां एक ओर सरकार इन किसानों के बैंक खाते में सब्सिडी सीधे ट्रांसफर कर रही है, वहीं पारंपरिक बैंक शाखशाओं की कमी किसानों की इस फंड तक पहुंच में सबसे बड़ी रुकावट है। ग्रामीण फिनटेक अपने रूरल बैकिंग आटलेट्स के जरिए इस चुनौती का मुकाबला कर रहे हैं और किसानों और उनके परिवारों की पीएम किसान सब्सिडी तक पहुंच बना रहे हैं।
किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त
स्पाइस मनी के सह-संस्थापक और सीईओ संजीव कुमार ने बताया, “स्पाइस मनी में हम भारत के दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाली आबादी की बैंकिंग और फाइनेंशियल सेवाओं तक पहुंच बना रहे हैं। दिवाली से पहले प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 12वीं किस्त का वितरण किया गया है। किसान और उनके परिवार हमारे 1 मिलियन अधिकारियों के विशाल नेटवर्क की मदद से एईपीएस के माध्यम से अपने नजदीकी स्पाइस मनी बैंकिंग आउटलेट से इस धनराशि को हासिल कर रहे हैं।
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